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Fake Challan Scam: नकली चालान को न मानें असली! लिंक क्लिक करते ही आपका अकाउंट हो सकता है खाली

आजकल फेक चालान स्कैम तेजी से हो रहें हैं। अगर आपके पास भी कोई चालान से जुड़ा मैसेज आता है तो उसे ध्यान से देखें कि यह फर्जी है या रियल। आपको हमेशा सतर्क रहना है और किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना है।

By Manju Negi

आज के समय में साइबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन नकली चालान भेजा जा रहा है, इस मेसेज के लिंक पर क्लिक करते ही कई लोगों के अकाउंट खाली हो गए हैं और ये मामले हर दिन बढ़ते ही जा रहें हैं। अगर आपको भी पार्किंग चलन से जुड़ा कोई एसएमएस, पेनाल्टी चार्ज नोटिस आता है तो सावधान हो जाइए। लिंक के माध्यम से अपराधी बैंक डिटेल्स और वाहन की डिटेल्स चोरी कर लेते हैं और फिर भुगतान के लिए ब्लेकमेल करते हैं, कि आपका लाइसेंस संस्पेंड अथवा क़ानूनी कार्यवाई की जाएगी। आइए जानते हैं कैसे इस धोखाधड़ी का अंजाम दिया जा रहा है।

Fake Challan Scam: नकली चालान को न मानें असली! लिंक क्लिक करते ही आपका अकाउंट हो सकता है खाली

ऐसे हो रहा पार्किंग स्कैम

अगर आपने आधिकारिक चालान मैसेज देखें होंगे तो आपको भी स्कैमर द्वारा ऐसे ही मैसेज भेजे जाएंगे जिसमें आप धोखाधड़ी के शिकार बन सकते हैं। ये मेसेज बिलकुल रियल लगते हैं लेकिन ध्यान से देखा जाए तो आप फर्जी की पहचान कर सकते हैं। फर्जी मैसेज में नोटिस नंबर और जारी करने वाली अथॉरिटी जैसे जानकारी नकली होती हैं। अगर आप लिंक पर क्लिक करते हैं तो फिर आपसे बैंक और वाहन से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है।

एक्सपर्ट का कहना कहना है कि कभी भी नगर परिषद द्वारा चालक धारकों को पार्किंग अथवा अन्य उल्लंघन के लिए चालान टेक्स्ट मेसेज के द्वारा नहीं भेजा जाता है। और न ही इसमें कोई लिंक भेजा जाता है।

फर्जी नोटिस की ऐसे करें पहचान!

साइबर अपराधी भेजे जाने वाले फर्जी नोटिस को ऐसे बनाते है जैसे यह असली का है, वे इसमें QR कोड और स्कीमिंग डिवाइस का इस्तेमाल कर रहें हैं। लेकिन आपको फर्जी मैसेज की पहचान ध्यान से करनी है। आपको नोटिस में भेजने वाले का नाम/नंबर अथवा लिंक का URL चेक करना है। इसमें गाड़ी का रजिस्ट्रशन नंबर रियल है यह चेक करें। इसके साथ ही चालान किस दिन कटा और क्या कारण है। आपको ये सभी जानकारी ध्यान से देखनी है, अगर इनमे कुछ गड़बड़ यह जानकारी गायब रहती है तो अलर्ट हो जाइए।

स्कैम मैसेज आने पर क्या करें?

अगर आपको लगता है कि यह स्कैम मैसेज है तो उसके लिंक पर क्लिक करने से बचें। आपको अपनी कोई भी बैंक या पर्सनल डिटेल्स शेयर नहीं करनी है। इसके अलावा आप नगर परिषद से सम्पर्क कर सकते हैं और पार्किंग ऐप में लॉगिन करके डिटेल्स की कन्फर्मेशन कर सकते हैं। इस मामले में आपको हमेशा से तर्क और सुरक्षित रहना है।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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