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IAS Officers Rule: गोपीनाथन के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उठे सवाल, राजनीति में जाने के लिए क्या हैं नियम

पूर्व IAS अधिकारी गोपीनाथन के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। 2019 में इस्तीफा देने के बावजूद उनका त्यागपत्र अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है, जिससे वह तकनीकी रूप से सरकारी कर्मचारी ही हैं। नियमों के मुताबिक, वह चुनाव नहीं लड़ सकते। जानिए सिविल सेवकों के लिए राजनीति में जाने के सख्त नियम क्या हैं।

By Pinki Negi

IAS Officers Rule: गोपीनाथन के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उठे सवाल, राजनीति में जाने के लिए क्या हैं नियम
IAS Officers Rule

केरल के रहने वाले पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन, जो AGMUT (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर से थे, हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। न्होंने साल 2019 में ही आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। इस स्थिति से उनकी नौकरी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि इस संबंध में सरकारी नियम क्या कहते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के रिकॉर्ड में अभी भी वह सेवा में है। लास्ट बार 21 नवंबर 2023 को अपडेट हुए रिकॉर्ड के अनुसार, वह दादर और नगर हवेली में पावर डेवलपमेंट सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं। हालाँकि इस पर विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

राजनीति में जाने के नियम

सरकारी नियमों के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीति में भाग नहीं ले सकता और न ही चुनाव लड़ सकता है। सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स 1964 के नियम 5 के तहत, सरकारी कर्मचारियों को किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़ने, किसी भी राजनीतिक गतिविधि या आंदोलन में भाग लेने, या किसी भी तरह की सहायता देने की सख़्त मनाही है।

गोपीनाथन ने बताया

गोपीनाथन ने कहा कि 6 साल से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है, जिससे उनकी विश्वसनीयता को नुक्सान पंहुचा है, साथ ही उन्हें आगे बढ़ने में परेशानी आ रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा सरकार की मंशा साफ़ नहीं है, लेकिन वह अब और किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चिंता नहीं करते है, क्योंकि वह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।

बिना इस्तीफा स्वीकार के लड़ नहीं पाएंगे चुनाव

गोपीनाथ 2019 में नौकरी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें तभी महसूस हो गया था कि सरकार देश को गलत दिशा में ले जा रही है, और वह इस ‘गलत’ के खिलाफ लड़ना चाहते थे। देश के लगभग 80-90 जिलों और तमाम नेताओं से बातचीत करने के बाद उन्हें लगा कि कांग्रेस ही देश को सही रास्ता दिखा सकती है। हालाँकि, एक खास बात यह है कि जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होता, वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और नामांकन करने पर उनका फॉर्म रद्द हो जाएगा।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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