हर साल की तरह इस साल में छठ महापर्व बहुत धूम धाम और पूर्ण आस्था के साथ मनाया जाएगा। इसी के चलते दिल्ली की मुख्यमंत्री देखा गुप्ता की सरकार ने बड़ी घोषणा का ऐलान किया है जो आपको जानना बहुत जरुरी है। पहले यह पूजा श्रद्धालु तालाबों में करते थे लेकिन इस बार वे यह पूजा यमुना तट पर कर सकते है।

पूजा होगी पर विसर्जन नहीं होगा
मुख्यमंत्री का कहना है कि यमुना नदी के तट पूजा के लिए खोले जा रहें हैं लेकिन इसमें किसी भी प्रकार का विसर्जन नहीं किया जाएगा। विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। रेखा गुप्ता कहती है कि छठ पूजा में डुबकी या विसर्जन नहीं किया जाता है बल्कि इस दिन सूर्य की उपासना होती है। इस फैसले से यमुना नदी में स्वछता बनी रहेगी। श्रद्धालु अपनी पुरानी परम्परागत आस्था स्थल में वापस आ सके इसके लिए यह निर्णय लेना बहुत जरूरी था।
पल्ला से ओखला तक घाटों की तैयारी शुरू
पल्ला से ओखला तक यमुना तटों पर युद्ध स्तर तैयार करने के लिए दिल्ली दरकार ने अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं ताकि जल्द से जल्द इस काम को पूरा किया जा सके। इसके अलावा आईटीओ और ओखला जैसे स्थान अपग्रेड होने वाले हैं।
घांटों पर क्या व्यवस्थाएं हैं?
- सभी घांटों पर सरकार द्वारा साफ-सगाई और लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी।
- सुरक्षा के लिए पुलिस और ट्रैफिक प्रबंधन को तैनात किया जाएगा।
- पानी छिड़काव और मेडिकल सुविधाओं का भी इंतजाम होने वाला है।
दिल्ली में यह त्यौहार 929 स्थानों में मनाने का अनुमान है, इसलिए सरकार पहले से ही सभी सुविधा और व्यवस्थाएं कर देंगी।