भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान को अब तक की सबसे सीधी और सबसे कड़ी चेतावनी मिली है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अब संयम का दौर खत्म हो चुका है और पाकिस्तान को यह तय कर लेना चाहिए कि उसे दुनिया के नक्शे पर रहना भी है या नहीं। यह बयान भारत के बदलते और आक्रामक रुख को दिखाता है, जो अब किसी भी तरह की हिमाकत बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

क्या है आर्मी चीफ का अल्टीमेटम?
राजस्थान के अनूपगढ़ में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर 1.0’ का जिक्र करते हुए कहा कि उस ऑपरेशन में भारत ने काफी संयम दिखाया था, लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उन्होंने पाकिस्तान को अपने अस्तित्व के लिए एक ही शर्त बताई – राज्य प्रायोजित आतंकवाद (state-sponsored terrorism) को पूरी तरह से बंद करना होगा। उनका यह बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक अल्टीमेटम है, जो यह दर्शाता है कि भारत की सहनशीलता अब जवाब दे चुकी है।
रक्षा मंत्री भी दे चुके हैं चेतावनी
सेना प्रमुख का यह बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उस चेतावनी के ठीक बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक इलाके में कोई भी हरकत की तो उसका “इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा।” रक्षा मंत्री ने विजयदशमी के अवसर पर जवानों के साथ शस्त्र पूजा करते हुए यह भी याद दिलाया था कि 1965 की जंग में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गई थी और आज कराची तक का रास्ता भी सर क्रीक से होकर जाता है।
भारत का नया ‘नॉर्मल’: अब सिर्फ जवाबदेही
यह सिर्फ बातें नहीं हैं, बल्कि भारत की नई रक्षा नीति का हिस्सा है, जिसे ‘न्यू नॉर्मल’ कहा जा रहा है। अब भारत उकसावे का इंतजार नहीं करता, बल्कि किसी भी गलत हरकत का मुंहतोड़ जवाब देता है। जनरल द्विवेदी ने विजय दिवस पर भी कहा था कि अब किसी को भी भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 9 हाई-वैल्यू टेरर टारगेट्स को बिना किसी आम नागरिक को नुकसान पहुंचाए खत्म कर दिया था। यह भारत की सैन्य क्षमता और सटीक कार्रवाई का प्रमाण है। सेना प्रमुख ने यह भी बताया कि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम एक अभेद्य दीवार की तरह है, जिसे कोई भी मिसाइल या ड्रोन भेद नहीं सकता।
कुल मिलाकर, भारत के शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व की ओर से यह संदेश बिल्कुल साफ है। अब सिर्फ चेतावनी का दौर खत्म हो चुका है। भारत अब किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है और यह जवाब पहले से कहीं ज्यादा कड़ा होगा।