भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक, प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का आज सुबह 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर से पूरी पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई है।

दिल्ली की राजनीति का एक मजबूत स्तंभ
प्रोफेसर मल्होत्रा दिल्ली में बीजेपी का एक प्रमुख और सम्मानित चेहरा थे। उनका राजनीतिक सफर जनसंघ के दिनों से शुरू हुआ और उन्होंने दिल्ली में पार्टी को मजबूत करने में एक अहम भूमिका निभाई। वे दिल्ली बीजेपी के पहले अध्यक्ष भी थे। उनकी सादगी और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा
एक शानदार राजनीतिक करियर
विजय कुमार मल्होत्रा का राजनीतिक करियर बेहद शानदार रहा। वे दिल्ली से पांच बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए।
- उन्होंने 1967 में दिल्ली महानगर परिषद के मुख्य कार्यकारी पार्षद का पद संभाला था, जो उस समय मुख्यमंत्री के बराबर का पद माना जाता था।
- उनकी सबसे चर्चित राजनीतिक जीतों में से एक 1999 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को हराना था।
- 2004 के लोकसभा चुनाव में, जब कांग्रेस ने दिल्ली की लगभग सभी सीटें जीत ली थीं, तब भी प्रोफेसर मल्होत्रा अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। यह उनकी लोकप्रियता का प्रमाण था।
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें एक “उत्कृष्ट नेता” बताते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जनसंघ से लेकर बीजेपी तक, संगठन को आकार देने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
एक दुखद संयोग यह भी है कि उनका निधन दिल्ली में बीजेपी के नए स्थायी कार्यालय के उद्घाटन के ठीक एक दिन बाद हुआ, जिसका सपना उन्होंने लंबे समय से देखा था। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए उनके आवास (21, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड) पर लाया गया है।