नई दिल्ली: बॉलीवुड के ‘किंग’ शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान एक बड़े कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। मुंबई के पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अफसर समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में उनके प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के खिलाफ 2 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा ठोक दिया है। यह पूरा बवाल शाहरुख के बेटे आर्यन खान की हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ (The Ba***ds of Bollywood) को लेकर मचा है।
समीर वानखेड़े का आरोप है कि इस सीरीज में जानबूझकर उनकी छवि को खराब करने और उनकी बेइज्जती करने की कोशिश की गई है।

आखिर सीरीज में ऐसा क्या है?
दरअसल, आर्यन खान के डायरेक्शन में बनी इस सीरीज के एक सीन को लेकर यह सारा विवाद खड़ा हुआ है। इस सीन में एक पार्टी चल रही है, जहां समीर वानखेड़े से मिलता-जुलता एक अफसर (NCG का अफसर) रेड मारने पहुंचता है। वह पहले एक ऐसे शख्स को पकड़ता है जो ड्रग्स ले रहा था, लेकिन जब उसे पता चलता है कि वह बॉलीवुड से नहीं है, तो वह उसे छोड़ देता है। इसके बाद वह एक बॉलीवुड स्टार को पकड़ लेता है, जो सिर्फ शराब पी रहा था।
इस सीन के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि आर्यन खान ने अपने पिता के प्रोडक्शन में बनी सीरीज के जरिए समीर वानखेड़े से अपना ‘बदला’ लिया है।
क्यों खास है यह मामला? (The Backstory)
आपको याद होगा, साल 2021 में समीर वानखेड़े ने ही मुंबई में एक क्रूज पर हुई ड्रग्स पार्टी में आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। इस मामले में आर्यन को करीब 27 दिन जेल में बिताने पड़े थे, हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। अब आर्यन की सीरीज में दिखाए गए इस सीन को सीधे तौर पर उसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।
वानखेड़े ने क्या कहा?
समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में कहा है कि यह सीरीज ड्रग्स के खिलाफ काम करने वाली एजेंसियों की गलत और नकारात्मक छवि पेश करती है, जिससे कानून लागू करने वाली संस्थाओं पर लोगों का भरोसा कम होता है। उन्होंने कहा है कि उनकी प्रोफेशनल और पर्सनल इमेज को जानबूझकर खराब किया गया है।
वानखेड़े ने मांग की है कि सीरीज से इस सीन को हटाया जाए और हर्जाने के तौर पर 2 करोड़ रुपये दिए जाएं, जिसे वह टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करना चाहते हैं।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर खान परिवार और समीर वानखेड़े के बीच की तल्खी को सतह पर ला दिया है। अब सबकी निगाहें दिल्ली हाईकोर्ट पर टिकी हैं कि वह इस हाई-प्रोफाइल मामले में क्या फैसला सुनाता है।