
UP Government in High Court: क्या आप उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट अथवा उनके अभिभावक हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार बहुत पहले से स्कूल पेयरिंग की योजना बना रही थी जिस पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाल ही में लखनऊ की एक बेंच में यह सुनवाई हुई है। बता दें सरकार सीतापुर जिले में स्कूलों को जोड़े में बदलना चाहती थी जिस पर फ़िलहाल रोक लग गई है। जब तक अगली सुनवाई नहीं होती है तब तक यह आदेश जारी ही रहना वाला है। तो चलिए पूरी जानकारी इस लेख में जानते हैं।
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स्कूल पेयरिंग पर सरकार का निर्णय
राज्य सरकार अपने स्कूल पेयरिंग नीति में बदलाव कर रही है इस बात की जानकारी गुरुवार को कोर्ट की दी गई। इस पर कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया है जिसका अब पालन किया जाएगा। अब उन स्कूलों का विलय नहीं किया जाएगा जिनके बीच की दुरी केवल एक किलोमीटर से कम की है। स्कूल में 50 से अधिक छात्र होने पर विलय नहीं किया जाएगा।
सरकार को इस नए आदेश पर ऑफिसियल रूप से रिकॉर्ड लाने के लिए मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ खंडपीठ ने आदेश दिया है। मामले की सुनवाई को आगे करते हुए 1 सितंबर 2025 की डेट को फिक्स कर दिया गया है।
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पूरा मामला क्या था?
मामला शुरू होने के पीछे का कारण अभिभावकों की शिकायतें बताई जा रही है। बता दें इन्होने सरकारी फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है जिसमें स्कूलों को मर्जर करने की योजना बनाई गई थी। इसके बाद इस पर जाँच पड़ताल की गई, सरकारी दस्तावेजों में कुछ गलतियां और कमी होने के कारण हाईकोर्ट ने सरकारी फैसले को रोकने का आदेश दिया है। अभिभावक चाहते हैं कि इस मामले का अंतिम निर्णय सुनाया जाए।
