
हाल ही में CAA और NRC को लेकर देशभर में विवाद चल रहा है. इस विवाद के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता के मुद्दे पर महत्वपूर्ण जानकारी दी. सरकार ने साफ कहा है कि नागरिकता कानून 1955 के तहत हर भारतीय नागरिक का रजिस्ट्रेशन और उसे राष्ट्रीय पहचान पत्र देना जरूरी है.
5 अगस्त को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला रॉय के एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हर भारतीय नागरिक को एक स्वीकार्य पहचान प्रमाण मिलेगा.
नए बदलावों के अनुसार
2004 में नागरिकता कानून 1995 में किए गए संशोधन के अनुसार, केंद्र सरकार के पास यह अधिकारी है कि देश के सभी नागरिकों का पंजीकरण करें और उनका पहचान पत्र जारी करें. इन पहचान पत्रों को जारी करने के नियम 2014 में बनाए गए थे. यह पहचान पत्र उन लोगों को दिए जा सकते हैं जिनका नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन्स (NRIC) या नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न्स (NRC) में दर्ज है.
अभी ये नेशनल ID कार्ड उन लोगों को मिलेगा जिनका नाम NRC में होगा, लेकिन अभी NRC की प्रक्रिया असम में पूरी हुई है. हालांकि असम का फाइनल रजिस्टर अभी तक जारी नहीं हुआ है, जिस वजह से असम सरकार ने 2019 में आए NRC के ड्राफ्ट को कोर्ट में चुनौती दी है. सरकार का मानना है कि इस ड्राफ्ट में 19 लाख लोग छूट गए है.
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर अपडेट
सरकार ने साफ कहा है कि जनगणना 2027 के समय नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को अपडेट कराने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. आखिरी अपडेट 2015-16 में किया गया था, जिसमे 119 करोड़ नागरिकों की जानकारी है. CAA और NRC के खिलाफ 2019-20 में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने यह भी कहा था कि अभी तक NRC को देश भर में लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. 2024 में BJP ने चुनाव घोषणा पत्र में NRC के हटा दिया था, जबकि 2019 के चुनाव में यह एक अहम वादा था.