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आखिर चीन के लोग इस देश में जाकर गुलाम क्यों बन रहे हैं? चौंकाने वाली वजह सामने आई

सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (CAR) की अनियमित सोने की खुदाई में चीनी मजदूरों की जिंदगी खतरों से भरी है। पासपोर्ट छीनना, जबरन काम कराना और हत्या जैसे मामले आम हैं। चीन के दूतावास ने अपने नागरिकों को तुरंत सुरक्षित बाहर निकलने की चेतावनी दी है। आर्थिक दबाव और अफ्रीका की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था ने इन मजदूरों को बड़े जोखिम में डाल दिया है।​

By Pinki Negi

why chinese workers turning into mining slave in central african republic

सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (CAR) की धरती पर चीनी नागरिकों के लिए सोने की चमक अब एक खतरनाक सपना बन चुकी है। जहां एक तरफ गिग इकॉनमी और फैक्ट्री सेक्टर में नौकरियों की तंगी ने चीन के हजारों युवाओं को अफ्रीका की ओर धकेला है, वहीं दूसरी तरफ वहां की अवैध खदानों में उनकी जान, आजादी और भविष्य दांव पर लग गए हैं। चीन के दूतावास ने अब तक की सबसे सख्त चेतावनी जारी करते हुए अपने नागरिकों को तुरंत वापसी की सलाह दी है, क्योंकि वहां का माहौल इतना खतरनाक हो चुका है कि जीवन और मौत का फर्क बस एक पल का है।

खदानों में फंसी आजादी

अफ्रीका के अवैध गोल्ड माइन्स में चीनी मजदूरों की दुर्दशा देखकर दिल दहल जाता है। दूतावास की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई लोगों के पासपोर्ट छीन लिए जाते हैं, उन्हें जबरन खदानों में काम कराया जाता है और उनकी आजादी पर अंकुश लगा दिया जाता है। ये लोग असल में माइनिंग स्लेव बन चुके हैं। उन्हें न तो उचित वेतन मिलता है, न ही सुरक्षा की गारंटी। कई बार तो उनके ही कारोबारी साझेदार या स्थानीय गिरोह उन्हें ठगकर कंगाल कर देते हैं। इस दौरान कई चीनी नागरिकों की हत्या हो चुकी है, कुछ का अपहरण हुआ है और कई लोगों को अवैध खनन के आरोप में गिरफ्तार कर देश से बाहर निकाल दिया गया है।

अफ्रीका की ओर खींच रही है सोने की चमक

चीन में नौकरियों का दौर धीमा पड़ रहा है। निर्माण और फैक्ट्री सेक्टर में बेरोजगारी बढ़ी है और गिग इकॉनमी भी अब उतनी तेजी से नहीं चल रही। इस बीच, दुनिया भर में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। यही वजह है कि हजारों चीनी नागरिक अफ्रीका के सोना-समृद्ध इलाकों की ओर भाग रहे हैं। सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के अलावा, कांगो, घाना और माली जैसे देशों में भी चीनी मजदूर अवैध खदानों में पहुंच रहे हैं। यहां कानून-व्यवस्था कमजोर है, जिससे अपराध और शोषण का खतरा बढ़ गया है।

जीवन के लिए खतरनाक जंगल

सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक पिछले एक दशक से गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। यहां सोना, तेल और हीरों की भरमार है, लेकिन सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं। चीन ने इस देश को 26 मिलियन डॉलर से अधिक की मदद दी है, लेकिन वहां की स्थिति अब भी बेहद खराब है। चीनी नागरिकों को यहां मिलिशिया के हमलों, अलग-अलग गुटों के बीच झड़पों, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों और खदानों में होने वाले हादसों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो हादसों को फर्जी बताकर जांच से बचा लिया जाता है।

दूतावास की चेतावनी और वापसी की अपील

चीन के दूतावास ने अब तक की सबसे कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वहां काम करने वाले चीनी नागरिक बेहद खतरनाक माहौल में जी रहे हैं। उनकी जान, पैसे और आजादी तीनों खतरे में हैं। दूतावास ने राजधानी बंगी के बाहर पूरे CAR को जोखिमपूर्ण घोषित कर दिया है और अपने नागरिकों को तुरंत वहां से निकलने की अपील की है। यह चेतावनी न सिर्फ चीनी नागरिकों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सबक है कि अफ्रीका की खदानों में सोने की चमक के पीछे छिपी है जीवन की लड़ाई।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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