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तुर्की में अचानक बने 700 गहरे गड्ढे! विशेषज्ञ भी हैरान, जानें क्या है मामला

तुर्की के कोन्या प्लेन में अचानक 700 से अधिक गहरे सिंकहोल्स बन गए हैं, जिससे किसानों में डर और भारी नुकसान देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह संकट जलवायु परिवर्तन, लंबे सूखे और दशकों से भूजल के अत्यधिक दोहन का परिणाम है। हजारों अवैध कुएँ इस प्राकृतिक आपदा को और बढ़ा रहे हैं।

By Pinki Negi

तुर्की के मध्य भाग में स्थित कोन्या प्लेन (Konya Plain) अचानक दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। कभी उपजाऊ खेतों और हरियाली से भरे इस क्षेत्र में अब विशालकाय गड्ढे दिखाई देने लगे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, यहां 700 से अधिक सिंकहोल्स बन चुके हैं, जिनमें से कई इतने गहरे हैं कि पूरी गाड़ियाँ समा जाएं।

कृषि क्षेत्र में डर और नुकसान

कोन्या, करमान और अक्सराय प्रांतों में बने ये गड्ढे मुख्य रूप से तुर्की के करापिनार (Karapınar) जिले में पाए गए हैं। यह वही इलाका है जिसे देश की “अनाज की टोकरी” यानी Grain Basket of Turkey कहा जाता है, क्योंकि यहां गेहूं, जौ, मक्का और शुगर बीट जैसी फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं। लेकिन अब यह भूमि किसानों के लिए खतरे का प्रतीक बनती जा रही है। खेतों के बीच अचानक उभरते ये गड्ढे खेती को नुकसान पहुँचा रहे हैं और स्थानीय किसानों में डर का माहौल है।

सिंकहोल्स का आकार और प्रभाव

कुछ सिंकहोल्स 100 फीट (30 मीटर) से अधिक चौड़े और 40 मीटर से गहरे हैं। यह न केवल जमीन की स्थिरता के लिए चुनौती है बल्कि कृषि उत्पादन पर भी सीधा असर डाल रहे हैं। जब भारी मशीनें खेतों में काम करती हैं, तो किसी भी क्षेत्र में अचानक धंसाव हो सकता है। कई किसान कहते हैं कि वे अब रात में भी चैन से नहीं सो पाते क्योंकि हर दिन कोई नया गड्ढा बन जाता है।

भूगर्भीय संरचना ने दी नींव

विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या एकदम नई नहीं है। वास्तव में, कोन्या बेसिन (Konya Basin) की भूगर्भीय संरचना चुनौतीपूर्ण रही है। जमीन के नीचे घुलनशील कार्बोनेट और जिप्सम (gypsum) चट्टानें मौजूद हैं। हजारों वर्षों से ये चट्टानें धीरे-धीरे पानी में घुलती रही हैं, जिससे प्राकृतिक रूप से खाली जगहें या underground cavities बन गईं। जब इन खाली जगहों के ऊपर की मिट्टी कमजोर हो जाती है, तो वह अचानक धंस जाती है और सिंकहोल बनता है।

असली समस्या: भूजल का अंधाधुंध दोहन

हालांकि प्राकृतिक कारणों का योगदान है, लेकिन मुख्य वजह इंसानी गतिविधियाँ हैं। कोन्या प्लेन में पिछले कुछ दशकों में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए भूजल (groundwater) का बड़े पैमाने पर दोहन किया गया है। किसान शुगर बीट और मक्का जैसी water-intensive crops की सिंचाई के लिए गहरे ट्यूबवेल और मोटर पंप का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इससे भूजल स्तर लगातार गिरता गया, और जमीन के नीचे की खाली जगहें और कमजोर हुईं। रिपोर्टों के अनुसार, इस क्षेत्र में 1,20,000 से अधिक अवैध कुएँ (illegal wells) खोदे जा चुके हैं, जिनका न तो कोई रिकॉर्ड है, न नियंत्रण।

बदलता मौसम, घटती बारिश

जलवायु परिवर्तन (Climate Change) ने इस संकट को और गहरा बना दिया है। पिछले कुछ वर्षों से कोन्या क्षेत्र में लंबा सूखा और कम वर्षा देखने को मिल रही है। जब बारिश नहीं होती तो जलाशय सूख जाते हैं और किसान भूजल पर और ज्यादा निर्भर हो जाते हैं। यह एक विकट चक्र (vicious cycle) बन चुका है — बारिश कम, पंपिंग ज़्यादा, और परिणामस्वरूप सिंकहोल्स का बढ़ना।

वैज्ञानिक और प्रशासनिक चिंता

तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी AFAD ने अब तक 684 बड़े सिंकहोल्स की आधिकारिक पहचान की है। वैज्ञानिक टीमें लगातार इन स्थानों की मॉनिटरिंग कर रही हैं। सरकार अब क्षेत्र में भूजल दोहन को सीमित करने और अवैध कुओं को बंद करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके अलावा, वैकल्पिक सिंचाई तकनीकों जैसे ड्रिप इरिगेशन (drip irrigation) और सस्टेनेबल क्रॉप प्लानिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

किसानों के लिए चेतावनी और सीख

यह मामला केवल तुर्की तक सीमित नहीं है। यह एक वैश्विक चेतावनी है कि अगर जल संसाधनों का उपयोग unregulated तौर पर जारी रहा, तो ऐसे सिंकहोल्स किसी भी कृषि क्षेत्र में बन सकते हैं चाहे वह भारत का बुंदेलखंड हो या अमेरिका का फ्लोरिडा। प्रकृति का संतुलन जितना नाजुक है, उतना ही आवश्यक भी।

पानी की हर बूंद की कीमत समझनी होगी। यदि अब भी दोहन की रफ्तार नहीं रुकी, तो शायद आने वाले वर्षों में कोन्या जैसी आपदा कई देशों के लिए हकीकत बन जाएगी।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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