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जापान में घोषित हुई राष्ट्रव्यापी महामारी, स्कूल-कॉलेज बंद और सीमा पर सख्त चौकसी, लाखों लोगों की रोज स्क्रीनिंग

जापान में सरकार ने राष्ट्रव्यापी महामारी घोषित कर दी है। सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, सीमा पर सख्त चौकसी बढ़ा दी गई है और लाखों लोगों की रोज स्क्रीनिंग की जा रही है। जानें इस संकट का असर आम लोगों पर और क्या हैं बचाव के नए नियम।

By Pinki Negi

जापान में एक बड़ी महामारी का ख़तरा धीरे-धीरे बढ़ रहा है, देश में इंफ्ल्यूएंजा के मामलों में शुरूआती उछाल को देखते हुए सरकार ने देशव्यापी महामारी घोषित कर दी है। इस महामारी से अस्पताल के वार्ड अधिक तेजी से भर रहे हैं और देशभर में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। इसी बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी चेतावनी जारी की है की यह वायरस पहले से काफी अधिक तेजी से विकसित हो रहा है जिससे यह आसानी से संक्रमित हो रहा है।

जापान में तेजी से बढ़ रहा है वायरस

देश में इंफ्ल्यूएंजा वायरस अभूतपूर्व गति से खुद को हालत में ढाल रहा है, जिससे दुनियाभर के शोधकर्ताओं ने इस पैटर्न को खतरनाक बताया है। जिसे देखते हुए निवासियों और बाहर से आने वाले लोगों के बीच सतर्कता बढ़ाने की मांग उठ रही है। इस मामले पर होक्काइडो के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योको तासुकामोटो ने कहा की इस वर्ष फ्लू का मौसम जल्दी शुरू हुआ है, लेकिन बदलते परिवेश में यह एक आम स्थिति बन सकती है। शोध में इस वायरस को लेकर सामने आया है की अधिक कुशलता से फैलने के साथ अपनी प्रतिरोधक क्षमता का भी तेजी से विकास कर रहा है।

क्या है वायरस के फैलने का कारण

बता दें, स्वास्थ्य अधिकारी और वैज्ञानिकों ने इस वायरस के फैलने के पीछे कई कारकों की और इशारा किया है, जिसमें सबसे बड़ा कारण महामारी के बाद के दौर में बड़े पैमाने पर पर्यटन की वापसी माना जा रहा है। यह देखा गया है की लोग वायरस को नई जागों पर ले जा रहे हैं, जो वायरस के नए वातावरण के अनुकूल होने का एक मुख्य कारक है। जबकि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इस वायरस के बढ़ने की सूचना मिल रही है।

जापान में आए-दिन बढ़ रहे हैं मामले

बता दें, जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 22 सितंबर से शुरू हुए सप्ताह में देशभर के निर्दिष्ट चिकित्सा संस्थानों में 4030 लोगों के इंफ्ल्यूएंजा इलाज के बाद इसे महामारी घोषित कर दी। मंत्रालय का कहना है की संक्रमित मामलों की संख्या महामारी की सीमा को पार कर गई है जिससे प्रति औसतन 1.04 मरीज है।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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