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इस जनजाति की महिलाएं जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाती हैं! देखें कहाँ रहते हैं ये

क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका में एक ऐसी अनोखी जनजाति है जिसकी महिलाएँ पूरी ज़िंदगी में सिर्फ एक बार नहाती हैं? बावजूद इसके वे अपनी स्वच्छता कैसे बनाए रखती हैं? नामीबिया में रहने वाली इस हिंबा जनजाति की सदियों पुरानी और हैरतअंगेज़ परंपराओं को जानने के लिए पढ़ें यह दिलचस्प लेख।

By Pinki Negi

इस जनजाति की महिलाएं जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाती हैं! देखें कहाँ रहते हैं ये
Himba Tribe

दुनियाभर में कई तरह की जनजातियाँ हैं जो आज भी अपने हजारों साल पुराने रीति-रिवाजों और मान्यताओं का पालन करती हैं। ये जनजातियाँ अक्सर जंगलों में रहती हैं और इनके अपने अलग नियम-कानून होते हैं। सरकारें भी आमतौर पर इनके अधिकारों में दखल नहीं देती हैं, ताकि इनकी प्राचीन परंपराएँ बची रहें।

आज हम आपको अफ्रीका महाद्वीप की ऐसी ही एक हिंबा नामक आदिवासी जनजाति के बारे में बता रहे हैं, जो नामीबिया में रहती है। यह जनजाति कुछ ऐसी हैरान कर देने वाली परंपराओं का पालन करती है, जिनके बारे में जानकर आपको आश्चर्य होगा।

हिंबा जनजाति की अनोखी पहचान

नामीबिया में रहने वाली हिंबा जनजाति की कुल आबादी लगभग 25 हजार है। इस जनजाति पर आज की आधुनिक दुनिया का कोई असर नहीं पड़ा है; वे ज़्यादातर समय खेतों में बिताते हैं, और एक हैरानी वाली बात यह है कि इनमें नहाने पर पूरी तरह रोक है। बच्चों के जन्म को लेकर इनकी एक बहुत ही दिलचस्प परंपरा है: इस जनजाति में बच्चे के पैदा होने के बाद उसकी जन्मतिथि नहीं मानी जाती, बल्कि जिस दिन माँ बच्चे के बारे में सोचना शुरू करती है, उसी दिन से बच्चे का जन्म मान लिया जाता है।

हिंबा जनजाति में ‘जीवन गीत’ की अनोखी परंपरा

हिंबा जनजाति की एक बहुत ही खास परंपरा है, जहाँ एक महिला अपने बच्चे को जन्म देने से पहले एक ‘बच्चे से जुड़ा गीत’ खोजती है। वह पेड़ के नीचे बैठकर वह गीत सुनती है और फिर इसे अपने साथी को सुनाती है। संबंध बनाते समय भी दोनों इसी गीत को गाते हैं। जब महिला गर्भवती हो जाती है, तो वह यह गीत जनजाति की दूसरी महिलाओं को सिखाती है, और सभी मिलकर गर्भवती महिला के पास बैठकर यह गीत गाते हैं। सबसे खास बात यह है कि उस इंसान को जीवन की आखिरी साँस तक यही गीत सुनाया जाता है।

हिंबा जनजाति की महिलाओं के लिए नहाने पर पाबंदी

नामीबिया की हिंबा जनजाति में नहाने पर सख्त मनाही है। इस जनजाति की महिलाएँ अपनी पूरी ज़िंदगी में सिर्फ़ एक ही बार नहाती हैं, और वह भी सिर्फ़ अपनी शादी के दिन! इतना ही नहीं, उन्हें अपने कपड़े धोने के लिए भी पानी इस्तेमाल करने की इज़ाजत नहीं होती है।

हिंबा जनजाति की महिलाएँ खुद को साफ़ रखने और सुंदर दिखने के लिए खास तरीके अपनाती हैं। ये महिलाएँ नहाती नहीं हैं, बल्कि जड़ी-बूटियों को पानी में उबालकर उसकी भाप से खुद को साफ़ रखती हैं, जिससे उनके शरीर से बदबू नहीं आती। इसके अलावा, वे अपनी त्वचा को धूप से बचाने के लिए एक खास लोशन लगाती हैं। यह लोशन जानवरों की चर्बी और हेमाटाइट नामक एक लाल खनिज तत्व को मिलाकर बनाया जाता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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