
जैसा की आप जानते होंगे कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गया है, जिसके बाद वहाँ के मूल निवासियों को नेपाली, भूटानी या तिब्बती लोगों से शादी करने के बाद विवाह पंजीकरण बनाने में दिक्कत आ सकती है। UCC के तहत विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड होना अनिवार्य है, लेकिन विदेशी नागरिकों के पास आधार कार्ड नहीं होता है। अब इस समस्या को हल करने के लिए उत्तराखंड कैबिनेट ने नया रास्ता निकाल दिया है, जिसके बाद विवाह पंजीकरण बनाना आसान हो जायेगा।
गृह विभाग ने नियमों में किया बदलाव
तिब्बती, नेपाल और भूटान के कई लोग भारत में बसे हुए है। जिनके साथ हमारे पुराने ‘रोटी-बेटी’ के संबंध हैं। इसी को देखते हुए, गृह विभाग ने नियमों में बदलाव किया है। अब नेपाल और भूटान के नागरिक पंजीकरण के समय आधार कार्ड न होने पर नागरिकता प्रमाण पत्र दे सकते हैं। साथ ही, अगर वे 182 दिनों से ज़्यादा समय से भारत में रह रहे हैं, तो वे नेपाली मिलन या रॉयल भूटानी मिशन का प्रमाण पत्र भी दिखा सकते हैं।
तिब्बती लोगों के लिए अब यह बदलाव किया जा रहा है कि वे आधार कार्ड की जगह विदेशी पंजीकरण अधिकारी (Foreign Registration Officer) द्वारा जारी किया गया अपना वैध पंजीकरण पत्र (Valid Registration Letter) दिखा सकेंगे। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल में भी ज़रूरी बदलाव किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड कैबिनेट के कई अहम फैसले
उत्तराखंड कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए हैं। अब महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर सेवा नियमावली में बदलाव को मंज़ूरी मिली है। वहीं, देहरादून के रायपुर के फ्रीज ज़ोन से आंशिक राहत दी गई है, जिससे वहाँ अब छोटे घर और दुकानें बनाने की अनुमति मिल सकेगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को अपने पूरे सेवाकाल में एक बार ज़िला बदलने का अवसर मिलेगा।
इसके अलावा राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति से जुड़ी अर्हकारी सेवा नियमों को शिथिल किया गया है। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष को खास बनाने के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जिसकी तारीख मुख्यमंत्री तय करेंगे। साथ ही, अब राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) को अपने लाभ का 15% हिस्सा राज्य सरकार को देना होगा।