दिवाली त्यौहार की जोरो सोरो से तैयारियां चल रही है, अब कुछ ही दिन बाकी है और यह पर्व धूम धाम के साथ मनाया जाएगा। लेकिन वहीँ दूसरी तरफ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया गया है। आजकल लोग अन्धविश्वास और तंत्र-मंत्र के लिए उल्लू का शिकार करते हैं, जिसके रोकने के लिए उत्तराखंड प्रशासन अलर्ट हो गया है। इस मामले पर सख्त निर्देश जारी करते हुए, सभी फील्ड कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। शिकारी पर नज़र रखने के लिए रात के समय में निगरानी को और भी सख्त कर दी गई है जिससे कोई भी अवैध शिकार न कर पाए।

क्यों बढ़ रहा है उल्लुओं का खतरा?
दिवाली पर उल्लुओं पर खतरा और बढ़ जाता है क्योंकि इसके पीछे अनेकों कारण है। अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो अन्धविश्वास करते हैं और लक्ष्मी पूजा के दौरान उल्लू की बलि देना शुभ मानते हैं जिससे उन्हें धन की प्राप्ति हो सके। इस वजह से बड़ी संख्या ने उल्लुओं का अवैध शिकार किया जा रहा है और इसके सैकड़ों मामले सामने आते हैं।
उल्लू पर्यावरण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इन पर खतरा बढ़ने से पारिस्थितिक तंत्र पर भी खतरा हो सकता है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इनका शिकार करना गंभीर अपराध है। यह पर्यावरण में कृंतक (चूहों) नियंत्रण करने का बहुत जरुरी काम करते हैं।
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कॉर्बेट प्रशासन की खास तैयारी
उल्लुओं की सुरक्षा के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने तगड़ा इंतजाम किया है। बिजरानी, ढिकाला, झिरना, ढेला और दुर्गा देवी जैसे कॉर्बेट के सभी जोनों में गस्त के लिए विशेष टीमें बनाई हुई है। रिजर्व की उत्तरी प्रदेश से सटी सीमा पर सख्त नज़र रखी जाएगी, यूपी वन विभाग कॉर्बेट प्रशासन का सहयोग कर रहा है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के एसडीओ अमित ग्वासाकोटी ने जानकारी देते हुए खा कि दिवाली के माहौल में पूरी टीम को उल्लू का शिकार रोकने के लिए अलर्ट और तैनात किया गया है। वन विभाग ने जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें पता चलता है कि उल्लू का अवैध शिकार किया जा रहा है तो वे उन्हें तुरंत ही यह सूचना भेजे।