
अब यूपी में जमीन की रजिस्ट्री में पहचान छुपाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। अगर शिकायत मिलती है और जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रजिस्ट्री करने से पहले, सभी उप-निबंधन विभाग के अधिकारी रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्तियों के असली कागजात की पूरी जांच करेंगे। सब कुछ सही पाए जाने पर ही जमीन की रजिस्ट्री पूरी की जाएगी।
ज़मीन रजिस्ट्री कराते समय लोग छिपा रहे असली पहचान
उत्तरप्रदेश में सरकार को शिकायत मिली कि कई ज़िलों में ज़मीन की रजिस्ट्री कराते समय लोग अपनी असली पहचान छिपा रहे थे। आज़मगढ़ ऐसे कई मामले में सामने आया है। हाल ही में कुछ जालसाज़ों ने असली ज़मीन मालिक के विदेश में होने का फायदा उठाकर, खुद को मालिक बताकर लालगंज उप-निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री करवाने की कोशिश की। लेकिन जब सब-रजिस्ट्रार ने दस्तावेज़ों की जाँच की, तो बड़ा धोखा होने से बच गया। नकली तरीके से ज़मीन बेचने की कोशिश के इस मामले में, जीयनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
उप निबंधन विभाग ने शुरू की सख्त करवाई
धोखाधड़ी के कई मामले सामने आने के बाद अब सरकार के आदेश पर उप निबंधन विभाग (Sub-Registrar Department) ने भी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने अपने सभी अधिकारियों को इस संबंध में कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं।
गड़बड़ी करने पर होगा मुकदमा
जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री कराते समय अगर कोई व्यक्ति झूठे सबूत, गलत दस्तावेज़, गलत पहचान पत्र का इस्तेमाल करता है, या ज़मीन पर बनी किसी चीज़ को छिपाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। अगर कोई भी गड़बड़ी पकड़ी गई, तो ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे मुकदमा दर्ज किया जाएगा और कानून के हिसाब से एक्शन लिया जाएगा।
आईजी स्टांप, राजेश कुमार के अनुसार, ज़मीन की रजिस्ट्री करते समय जो लोग अपनी सही पहचान छिपाते हैं, उनके खिलाफ अब विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा। पहचान छिपाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए, अब सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उन पर मुकदमा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।