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UP Mid-Day-Meal: मूंगफली चिक्की, गजक मिलेगा! स्कूल में मिड-डे-मील में मिलेगा सप्लीमेंट न्यूट्रिशन

उत्तर प्रदेश सरकार ने मिड-डे-मील योजना में अब पूरक पोषण (Supplement Nutrition) शामिल किया है। स्कूलों के बच्चों को मूंगफली की चिक्की, गजक जैसे पौष्टिक स्नैक्स दिए जाएंगे ताकि उन्हें अतिरिक्त प्रोटीन और ऊर्जा मिल सके। यह पहल कुपोषण से लड़ने और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य व शैक्षणिक विकास को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।

By Pinki Negi

यह विषय उत्तर प्रदेश सरकार की नई पहल से जुड़ा है जिसमें मिड-डे-मील में अब बच्चों को पूरक पोषण दिया जाएगा। इस पर आधारित नीचे एक ताज़ा, मूल और मानवीय लहजे में लिखा गया SEO-फ्रेंडली हिंदी आर्टिकल दिया गया है प्रत्येक पैराग्राफ के लिए हेडिंग्स के साथ।

यूपी सरकार की नई पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के पोषण और सेहत को ध्यान में रखते हुए मिड-डे-मील योजना में एक बड़ा बदलाव किया है। अब स्कूलों में पूरक पोषण (Supplement Nutrition) के रूप में छात्रों को मूंगफली की चिक्की, गजक और इसी तरह के पौष्टिक स्नैक्स दिए जाएंगे। यह कदम बच्चों की पोषण संबंधी कमी दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

बच्चों को क्या मिलेगा खाने में

नई व्यवस्था के तहत, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अब मिड-डे-मील के साथ मूंगफली की चिक्की, गजक या उच्च प्रोटीन वाले स्नैक्स दिए जाएंगे। इन खाद्य पदार्थों में प्रोटीन, आयरन और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है, जो बढ़ते बच्चों के लिए बेहद जरूरी हैं। इससे न केवल उनका पोषण स्तर बढ़ेगा, बल्कि उन्हें स्कूल में बेहतर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलेगी।

योजना का उद्देश्य

राज्य सरकार का कहना है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को Balanced Diet और अतिरिक्त प्रोटीन एनर्जी प्रदान करना है। मिड-डे-मील योजना पहले से ही विद्यार्थियों को दोपहर का खाना उपलब्ध कराती है, लेकिन अब इस पहल से बच्चों को पूरक पोषण (Extra Nutrition Support) भी मिलेगा। इससे सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा कुपोषण (Malnutrition) का शिकार न बने और पढ़ाई के साथ-साथ उसका शारीरिक विकास भी सही ढंग से हो।

लाखों बच्चों को होगा सीधा फायदा

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्र इस योजना से लाभान्वित होंगे। खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जहां बच्चे अक्सर पर्याप्त पोषण नहीं ले पाते, वहां यह योजना सकारात्मक बदलाव ला सकती है। बच्चों को स्नैक्स के रूप में मिलने वाली चिक्की या गजक जैसी चीजें न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि पकाने की जरूरत न होने से इन्हें वितरित करना भी आसान है।

सरकार का फोकस

यह पहल सरकार के उस विज़न का हिस्सा है जिसमें “स्वस्थ और शिक्षित उत्तर प्रदेश” का निर्माण करना शामिल है। बच्चों को अच्छा भोजन, बेहतर स्वास्थ्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर भविष्य की मजबूत नींव रखी जा रही है। स्कूलों में पौष्टिक आहार न सिर्फ बच्चों की ग्रोथ में मदद करेगा, बल्कि Attendance और Concentration Level भी बढ़ाएगा।

नतीजा

मिड-डे-मील योजना अब सिर्फ एक फूड प्रोग्राम नहीं रह गया, बल्कि यह बच्चों के कुल विकास (Holistic Development) की दिशा में उठाया गया कदम बन गया है। चिक्की और गजक जैसे स्थानीय, सस्ते और पौष्टिक विकल्पों से न सिर्फ बच्चों की सेहत सुधरेगी बल्कि ग्रामीण उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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