अंबेडकरनगर। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में सरकारी आवास योजनाओं का लाभ लेकर भी अपना पक्का घर न बनाने वाले लाभार्थियों के खिलाफ अब जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। PM आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पैसा लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा न करने वाले करीब 250 लाभार्थियों को चिह्नित किया गया है। इन सभी पर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिससे यह साफ संदेश दिया गया है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्या है पूरा मामला और क्यों लिया गया एक्शन?
यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की समीक्षा में यह बात सामने आई कि योजना की शुरुआत से अब तक जिले में 63 हजार से अधिक लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए बजट दिया गया था, लेकिन उनमें से एक बड़ी संख्या ने पैसा लेने के बाद भी अपना घर नहीं बनाया । कई चेतावनियों और नोटिसों के बावजूद जब इन लोगों ने निर्माण कार्य में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, तो प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कानूनी कार्रवाई का फैसला किया।
प्रशासन का कड़ा रुख, थानों को दिए गए निर्देश
जिलाधिकारी अनुपम शुक्ल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अभिजित आर. शंकर को पत्र लिखकर सभी थानों को आवश्यक निर्देश देने को कहा है, ताकि चिह्नित लाभार्थियों के खिलाफ जल्द से जल्द FIR दर्ज की जा सके । परियोजना निदेशक अनिल सिंह ने भी पुष्टि की है कि कई ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों (BDO) और ग्राम सचिवों ने थानों में तहरीर देकर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है । प्रशासन के इस एक्शन मोड का असर भी दिखने लगा है और कई गांवों में रुके हुए निर्माण कार्यों में तेजी आई है।
क्यों अधूरा रह गया निर्माण कार्य?
हालांकि प्रशासन की सख्ती के बाद कई PM आवास योजना लाभार्थी हरकत में आ गए हैं, लेकिन जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ मामलों में निर्माण कार्य पूरा न हो पाने की वजहें अलग हैं। कुछ लाभार्थी पैसा लेने के बाद रोजगार की तलाश में दूसरे शहरों में पलायन कर गए हैं, तो कुछ मामलों में लाभार्थी की मृत्यु हो जाने और उनका कोई आश्रित न होने के कारण आवास अधूरे पड़े हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों ने बीमारी या अन्य निजी जरूरतों के लिए आवास योजना के पैसों का इस्तेमाल कर लिया, जिसे प्रशासन ने सरकारी धन का सीधा दुरुपयोग माना है।
क्या होगा आगे और लाभार्थियों के लिए संदेश?
यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो सरकारी योजनाओं को हल्के में लेते हैं। प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी मदद का पैसा सही काम में लगे और हर गरीब का अपने पक्के घर का सपना पूरा हो। जिन लाभार्थियों के खिलाफ केस दर्ज होगा, उनसे सरकारी पैसे की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है, साथ ही भविष्य में उन्हें किसी भी सरकारी योजना के लाभ से वंचित किया जा सकता है।