
उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों को झटका लगा है, क्योंकि अब उन्हें भी बिजली का पूरा बिल भरना होगा। यूपी पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने गुरुवार को हुई एक समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी भी विभागीय कर्मचारी या इंजीनियर को मीटर न लगाने की छूट नहीं मिलेगी। इन सभी कर्मचारियों के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएँगे, और उन्हें LMV 10 श्रेणी के तहत सामान्य घरेलू बिजली दर पर बिजली दी जाएगी।
बिजलीकर्मियों के आवासों पर तेज़ी से लगेंगे मीटर
कानपुर की केसा कॉलोनी में पिछले सप्ताह कर्मचारियों द्वारा मीटर लगाने गई टीम को वापस लौटाए जाने की घटना के बाद, यूपी पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने सख्ती दिखाई है। चेयरमैन ने अब तेज़ी से मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि पद के अनुसार, बिजली विभाग के कर्मचारियों को उनके आवासों पर बिजली के बिल में अलग-अलग छूट मिलती रही है।
खराब ट्रांसफार्मर और धीमी स्मार्ट मीटरिंग पर नाराजगी
अधिकारियों ने पिछले नौ महीनों के दौरान 148 ट्रांसफार्मर खराब होने पर कड़ी नाराजगी जताई। क्षेत्रवार समीक्षा के बाद, एक्सईएन (XEN) बागीश कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि (Adverse Entry) देने का निर्देश दिया गया। हालांकि, मीटिंग खत्म होते समय यह चेतावनी देकर कार्रवाई टाल दी गई कि भविष्य में ट्रांसफार्मर खराब नहीं होने चाहिए, वरना ज़िम्मेदार एक्सईएन पर सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर लगाने का काम धीमी गति से चलने पर भी अधिकारियों ने नाराज़गी व्यक्त की।
बिजली बिल राहत योजना की समीक्षा और निर्देश
डॉ. आशीष गोयल ने बिजली बिल राहत योजना की समीक्षा की और निर्देश दिया कि योजना के लिए पंजीकरण को बढ़ाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे बकायादार उपभोक्ताओं और बिजली चोरी में फँसे उन उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें इस योजना का लाभ दिलाएँ, जो योजना के दायरे में आते हैं।









