
अमरोहा के लोगों के लिए यह एक अच्छी ख़बर है! ब्रजघाट पर लंबे समय से प्रस्तावित बाईपास मार्ग को केंद्र सरकार से मंज़ूरी मिल गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर बनने वाले इस बाईपास को स्वीकृति दे दी है और अधिकारियों को जल्द से जल्द इसकी कार्ययोजना (Project Plan) तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
बाईपास से भारी वाहनों को मिलेगी राहत
इस नए बाईपास के बनने के बाद, भारी मालवाहक वाहनों को ब्रजघाट शहर के अंदर प्रवेश करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, लखनऊ और बरेली जैसे बड़े शहरों की ओर जाने वाला सारा भारी ट्रैफिक अब सीधे इस बाईपास मार्ग से गुज़र जाएगा, जिससे शहर के अंदर भीड़ कम होगी और यात्रा आसान बनेगी।
नया बाईपास और गंगा नदी पर पुल
लगभग दो किलोमीटर लंबा यह नया बाईपास मार्ग तैयार किया जा रहा है, जिसमें गंगा नदी के ऊपर एक नया पुल भी शामिल होगा। यह बाईपास हापुड़ ज़िले के गढ़मुक्तेश्वर टोल प्लाज़ा से शुरू होगा और अमरोहा ज़िले के गजरौला क्षेत्र में कांकाठेर गाँव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-9 से जुड़ जाएगा।
सांसद कंवर सिंह तंवर ने गडकरी से ब्रजघाट बाईपास की माँग की
लोकसभा सत्र के बाद सांसद कंवर सिंह तंवर ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और उनसे ब्रजघाट बाईपास के निर्माण की पुरानी माँग को प्रमुखता से उठाया। सांसद ने मंत्री को बताया कि क्षेत्र में बढ़ते यातायात, तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ और सड़क की तंग बनावट के कारण लोगों को बहुत परेशानी हो रही है, इसीलिए इस बाईपास परियोजना का निर्माण तुरंत शुरू करना बहुत ज़रूरी है।
ब्रजघाट बाईपास परियोजना को मिली मंज़ूरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सांसद की मांग पर तुरंत एक्शन लेते हुए ब्रजघाट बाईपास परियोजना को मंज़ूरी दे दी है। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द सर्वेक्षण और बाकी औपचारिकताएँ पूरी करने का आदेश दिया। मंत्री ने आश्वासन दिया कि बाईपास का निर्माण कार्य साल 2026 की शुरुआत में शुरू कर दिया जाएगा। यह बाईपास इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ब्रजघाट पर गंगा नदी पर दो पुल और सिक्सलेन हाईवे होने के बावजूद, धार्मिक आयोजनों (जैसे पूर्णिमा या अमावस्या) के दौरान वहाँ पूरे दिन भयंकर जाम लगा रहता है।
बाईपास निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण
इस नए बाईपास के निर्माण के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया हापुड़ और अमरोहा दोनों ज़िलों में की जाएगी। चूँकि गंगा नदी दोनों ज़िलों की सीमा पर बहती है, इसलिए हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर तहसील और अमरोहा की हसनपुर तहसील के किसानों की ज़मीन अधिग्रहित की जाएगी।
ध्यान दें: यह जानकारी सामान्य स्रोतों पर आधारित है। हम इसकी प्रामाणिकता (सत्यता) की पुष्टि नहीं करते हैं और न ही यह दावा करते हैं कि यह एआई का चित्रण ज़मीनी हकीकत के समान होगा।









