
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट (बुलंदशहर के रास्ते) से जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे को हरी झंडी दे दी है। इसके निर्माण के लिए राज्य के 56 गांवों की जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 995 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट भी जारी कर दिया है। इस नए लिंक रोड के बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों से जेवर एयरपोर्ट तक पहुँचना बहुत आसान और तेज हो जाएगा।
बुलंदशहर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए बजट मंजूर
मेरठ और बुलंदशहर के लोगों के लिए जेवर एयरपोर्ट की राह अब और आसान होने वाली है। सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने वाले बुलंदशहर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 1734 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। इसके निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पहली किस्त के तौर पर 995 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि मार्च 2026 तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाए। इस नए लिंक रोड के बनने से मेरठ और बुलंदशहर से जेवर एयरपोर्ट पहुँचने में समय की काफी बचत होगी और सफर आरामदायक हो जाएगा।
किनारे बसेंगे 10 से ज्यादा नए शहर और औद्योगिक क्षेत्र
नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर अब गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले 74.3 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे का विकास किया जाएगा। यूपीडा (UPEIDA) द्वारा बनाए जाने वाले इस ‘ग्रीन फील्ड’ एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 10 से अधिक आवासीय और औद्योगिक सेक्टर बसाए जाएंगे। इसका मतलब है कि इस मार्ग पर न केवल सफर तेज होगा, बल्कि बड़े पैमाने पर नए घर, फैक्ट्रियां और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह प्रोजेक्ट दो बड़े एक्सप्रेसवे को जोड़कर उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई गति देगा।
16 गाँवों की जमीन पर बनेगा नया एक्सप्रेसवे
यह नया लिंक एक्सप्रेसवे बुलंदशहर के सियाना (गंगा एक्सप्रेसवे) से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे पर स्थित सेक्टर-21 फिल्म सिटी के पास जाकर मिलेगा। लगभग 74 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को बनाने के लिए 16 गाँवों की 740 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी। सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए 1246 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से बुलंदशहर और मेरठ की कनेक्टिविटी सीधे जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी से हो जाएगी, जिससे सफर का समय आधा रह जाएगा।
जापानी सिटी और फिल्म सिटी से सीधा जुड़ाव
यह लिंक एक्सप्रेसवे केवल एक रास्ता नहीं, बल्कि विकास का एक बड़ा कॉरिडोर होगा। यह यमुना सिटी के कई महत्वपूर्ण सेक्टरों को आपस में जोड़ेगा, जिनमें जापानी सिटी (सेक्टर-5A), कोरियन सिटी (4A), फिनटेक सिटी (11) और फिल्म सिटी (21) जैसे हाई-टेक इलाके शामिल हैं। इस मार्ग पर सेक्टर-5 को सबसे शानदार रिहायशी इलाके के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के आसपास इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर, सेमीकंडक्टर हब और मेडिकल डिवाइस पार्क भी बनेंगे, जिससे यहाँ निवेश और रोजगार के हजारों नए मौके पैदा होंगे।
56 गांवों से होकर गुजरेगा नया लिंक एक्सप्रेसवे
यूपीडा (UPEIDA) द्वारा बनाए जाने वाला यह शानदार लिंक एक्सप्रेसवे कुल 56 गांवों की जमीन पर विकसित किया जाएगा। इसमें बुलंदशहर के 48 और गौतमबुद्धनगर के 8 गांव शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए बुलंदशहर, सियाना, शिकारपुर और खुर्जा तहसील के इलाकों से जमीन ली जाएगी। पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 4000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। खास बात यह है कि जमीन खरीदने से लेकर निर्माण तक का सारा खर्च यूपीडा खुद उठाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से इन 56 गांवों की तस्वीर बदल जाएगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे का महा-संगम
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे का जब यमुना एक्सप्रेसवे से मिलन होगा, तो उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी पूरी तरह बदल जाएगी। इस जुड़ाव से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और आगरा-नोएडा रूट पर सफर बेहद आसान हो जाएगा। यह लिंक एक्सप्रेसवे न केवल यात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी देगा, बल्कि यमुना सिटी के औद्योगिक सेक्टरों (28, 29, 32, 33) को भी एयरपोर्ट से जोड़ देगा। इससे भारी मालवाहक वाहनों (Cargo) के लिए एयरपोर्ट और अन्य प्रमुख रूटों तक पहुँचना आसान हो जाएगा, जिससे व्यापार और उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी।









