
उत्तर प्रदेश में अब बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। प्रदेश सरकार यह पेंशन उन्हें घर बैठे ही मुहैया कराएगी। इसके लिए विभाग खुद बुजुर्गों को फोन करके पूछेगा कि क्या वे 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन लेना चाहते हैं। सहमति मिलने पर, एक आसान प्रक्रिया के बाद उनकी पेंशन शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल सकती है।
फैमिली आईडी से जोड़ने की सुविधा शुरू
राज्य सरकार पेंशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए इसे फैमिली आईडी से जोड़ने की सुविधा शुरू करने की तैयारी में है। इसके अलावा, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्लेज योजना में संशोधन का प्रस्ताव लाया जा सकता है, साथ ही लखनऊ में प्लांट लगाने के लिए अशोक लीलैंड को अतिरिक्त भूमि देने की मंजूरी मिल सकती है।
बैठक में जेपी समूह को भूमि के बदले दी गई धरोहर राशि लौटाने और गन्ना मूल्य बढ़ाने के प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिल सकती है। अंत में, उच्च शिक्षा विभाग के तहत शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल सकती है।
कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर
कैबिनेट की बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंज़ूरी मिली है। इनमें प्रमुख रूप से राजस्व विभाग में कानूनगो के चपरासी (चैन मैन) को लेखपाल के पद पर पदोन्नति देने के लिए सेवा नियमावली में संशोधन शामिल है। इसके अलावा, 10 वर्ष तक के किरायेदारी पट्टों पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दी गई है और खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के गठन का प्रस्ताव भी पारित हुआ है।
बैठक में न्यायिक सेवा अधिकारियों को आसान शर्तों पर कार लोन देने, लोक निर्माण विभाग (PWD) की सेवा नियमावली में संशोधन, सरकारी वाहनों को बदलने, और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपर निजी सचिव के पदों के उच्चीकरण (अपग्रेडेशन) समेत कई अन्य प्रशासनिक और वित्तीय प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।









