
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के अनूपशहर में पारंपरिक लक्खी कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और यातायात को सुव्यवस्थित रखने के लिए, प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस मेले के कारण 3 से 6 नवंबर 2025 तक क्षेत्र के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
कार्तिक पूर्णिमा के कारण स्कूलों में छुट्टी
कार्तिक पूर्णिमा का यह मेला न केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पवित्र अवसर पर, लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए अनूपशहर पहुँचते हैं, जिसके कारण इलाके में बहुत ज़्यादा भीड़भाड़ और यातायात पर दबाव बढ़ जाता है। इसी भीड़भाड़ और असुविधा को देखते हुए, बुलंदशहर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है।
कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला
लक्खी कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का मुख्य स्नान 3 नवंबर की आधी रात से शुरू होकर 5 नवंबर बुधवार तक चलेगा। यह आयोजन केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस स्नान में शामिल होते हैं, जिससे यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टियों से बहुत महत्वपूर्ण बन जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा मेले का महत्व
उत्तर प्रदेश के अनूपशहर में लगने वाला कार्तिक पूर्णिमा मेला हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मेला केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत ज़रूरी है। मेले के दौरान इलाके के व्यापार को बढ़ावा मिलता है, जिससे वहाँ के छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को हर साल अच्छा आर्थिक लाभ मिलता है।
मेले के लिए सुरक्षा और विशेष व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने मेले के लिए सुरक्षा और यातायात के खास इंतज़ाम किए हैं। भीड़ को संभालने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके साथ ही, यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं ताकि सड़कों पर जाम न लगे। जो श्रद्धालु यात्रा कर रहे हैं, उनके लिए विशेष परिवहन सुविधाएँ भी दी गई हैं, ताकि उन्हें मेले तक पहुँचने में कोई परेशानी न हो।








