
बस्ती जिले में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले 19,225 परिवारों को मुफ्त राशन कार्ड और रसोई गैस कनेक्शन देने की बड़ी तैयारी चल रही है। प्रशासन उन परिवारों की पहचान कर रहा है जो आज भी खाना पकाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए राशन कार्ड और आधार कार्ड का मिलान किया जा रहा है ताकि सही लाभार्थियों को लाभ मिल सके। अब तक करीब 7,873 परिवारों की जांच पूरी हो चुकी है और यह पता लगाया जा रहा है कि किन परिवारों को पहले ही उज्ज्वला योजना का लाभ मिल चुका है।
उज्ज्वला योजना से वंचित परिवारों की जांच शुरू
‘जीरो पावर्टी लाइन’ अभियान के तहत जिलापूर्ति कार्यालय अब उन गरीब परिवारों की पहचान कर रहा है, जिन्हें अभी तक उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन नहीं मिला है। आंकड़ों के अनुसार, परशुरामपुर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 2,093 परिवार इस सूची में शामिल हैं, जबकि कप्तानगंज में सबसे कम 842 परिवारों की पहचान की गई है। इसके अलावा, बनकटी ब्लॉक में 1500 और बस्ती सदर में 1,584 ऐसे परिवार मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है ताकि पात्र लोगों को जल्द ही योजना का लाभ दिया जा सके।
गरीबों को मुख्यधारा से जोड़ने की बड़ी पहल
बहादुरपुर, दुबौलिया, गौर और हर्रैया जैसे विभिन्न ब्लॉकों में हजारों ऐसे परिवारों की पहचान की गई है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिता रहे हैं। सरकार इन चिन्हित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास, विकलांग, विधवा और वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं का सीधा लाभ देने जा रही है।
साथ ही, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इस मुहिम का मकसद सरकारी सुविधाओं के जरिए गरीबी को जड़ से खत्म करना और इन परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
फ्री गैस कनेक्शन और राशन कार्ड के लिए सर्वे शुरू
सरकार अब उन गरीब परिवारों की पहचान कर रही है जिन्हें अब तक फ्री गैस कनेक्शन का लाभ नहीं मिला है। इस सर्वे के दौरान टीम यह देख रही है कि परिवार के मुखिया के नाम पर पहले से कोई गैस कनेक्शन न हो और घर में आज भी खाना पकाने के लिए लकड़ी या चूल्हे का इस्तेमाल होता हो। योजना के लिए सही उम्मीदवारों को चुनने के साथ ही उन्हें राशन कार्ड की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा उठा सकें।









