
इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची की समीक्षा कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर प्रशासन का शिकंजा कसने लगा है। जिला प्रशासन ने साफ कहा है कि जो भी Booth Level Officer (BLO) अपने कार्य में ढिलाई बरतेगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ FIR दर्ज की जाएगी।
डीएम की चेतावनी: एक व्यक्ति, एक वोट
जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मतदाताओं से अपील की है कि जो भी व्यक्ति एक से अधिक जगह से वोटर पंजीकरण करा चुके हैं, वे तुरंत सुधार करें। किसी व्यक्ति का एक से अधिक जगह से मतदाता होना न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि इसके लिए एक साल तक की सजा का भी प्रावधान है। डीएम ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी क्षेत्र से वोटर रहकर नए क्षेत्र में जाता है, तो उसे पुराने स्थान से नाम हटवाकर ही नई जगह रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। Transparency और Fair Voting Process सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
मतदाता संख्या और गड़बड़ी का आंकड़ा
इलाहाबाद एवं फूलपुर संसदीय क्षेत्रों में कुल 12 विधानसभा सीटों के अंतर्गत लगभग 46 लाख 92 हजार 860 मतदाता हैं। इनमें 25 लाख 42 हजार 206 पुरुष, 21 लाख 49 हजार 884 महिलाएं और 470 ट्रांसजेंडर वोटर शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो एक से अधिक स्थानों की वोटर लिस्ट में शामिल हैं। कुछ के नाम तो तीन से चार जगहों की मतदाता सूची में पाए गए हैं, जिससे मतदाता पहचान और चुनाव पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
BLO की जिम्मेदारी और शिथिलता पर कार्रवाई
विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत प्रत्येक BLO को अपने क्षेत्र के मतदाताओं की जांच और सत्यापन का जिम्मा दिया गया है। लेकिन प्रशासन ने पाया है कि कई BLO समय पर फील्ड सत्यापन नहीं कर रहे हैं या रिपोर्ट अपडेट नहीं कर रहे।
ऐसे BLO को चिन्हित किया जा रहा है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के साथ एफआईआर की कार्रवाई तय है।
इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चार BLO अमित कुमार पाल, छवि श्रीवास्तव, मनीषा राय और राजेंद्र यादव—को अंतिम चेतावनी दी गई है। ये चारों अधिकारी PWD विभाग में कार्यरत हैं, फिर भी निर्वाचन कार्य से अनुपस्थित पाए गए।
BLO से संपर्क के लिए आसान व्यवस्था
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि मतदाता अपने क्षेत्र के BLO से संपर्क करने के लिए अब Election Commission की वेबसाइट पर जाकर फोन नंबर देख सकते हैं। इसके अलावा, टोल-फ्री नंबर पर कॉल करके भी संबंधित BLO की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
यह कदम सुनिश्चित करेगा कि कोई भी मतदाता अपने नाम, पता या निर्वाचन विवरण से संबंधित समस्या का समाधान समय पर करवा सके।
डेटा डिजिटाइजेशन से बढ़ी पारदर्शिता
उप जिला निर्वाचन अधिकारी पूजा मिश्रा के अनुसार, मतदाताओं द्वारा जमा किए गए गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अब तक 1,21,717 प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा कर लिया गया है और हर दो घंटे में अपडेट किया जा रहा है।
यह डिजिटाइज़ रिकॉर्ड सिस्टम न केवल डेटा की सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा।









