राजस्थान सरकार में आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत हर महीने 1000 रूपए की पेंशन दी जाती है। लेकिन हाल ही में विभाग ने 3 लाख पेंशनभोगियों के लिए सख्त आदेश जारी किए हैं। बता दें ये सभी पेंशनर्स योजना में अपात्र होने के बावजूद हर महीने आर्थिक सहायता का लाभ उठा रहे थे। विभाग ने इस पर एक्शन लेते हुए इन पेंशनभोगियों की पेंशन बंद करने का नोटिस जारी किया था लेकिन अब यह आदेश 2 दिन में ही वापस ले लिया गया है। आइए पूरी खबर को विस्तार से जानते हैं।

डेटा जाँच में सामने आए अपात्र लाभार्थी
विभाग द्वारा जाँच करने की प्रक्रिया अब और तेज हो गयी है, बता दें यह काम पीछे टीम महीनों से किया जा रहा है। इस जाँच में कई अपात्र पेंशनर्स की पहचान की गई है। विभाग ने पेंशनर्स के बिजली बिल डेटा का पता करने के लिए बिजली कंपनियों से डेटा माँगा है। इसमें पता लगा कि 3 लाख पेंशनर्स ऐसे हैं जो हर साल करीबन 24000 रूपए का बिजली बिल भर रहे हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो उनकी जो सालाना आय है वह 48,000 रूपए से अधिक हो रही है, ऐसे में उन्हें योजना से बाहर करना जरुरी है क्योंकि इससे ये अपात्र घोषित होते हैं।
विभाग ने शुरू किया गिवअप अभियान
मंत्री का कहना है कि हमें 3 लाख पेंशनर्स की पेंशन रोकने का आदेश मिल गया था, क्योंकि ये सभी लोग अपात्र रूप से पेंशन का लाभ उठा रहें हैं। लेकिन अब कलक्टरों ने नया निर्देश जारी किया है, जिसके तहत अपात्र पेंशनर्स को गिवअप अभियान में शामिल किया जाएगा, इससे वे अपनी इच्छा से पेंशन छोड़ेंगे। हालाँकि अभी पेंशन किसी भी लाभार्थी की रुकी नहीं है।
जब से गिवअप अभियान शुरू हुआ है, अब तक करीबन 7 हजार से अधिक लोगों ने अपने मन से पेंशन को छोड़ लिया है। यानी की इस अभियान से सही परिणाम नज़र आ रहें हैं। यह अभियान पेंशनर्स को प्रेरित करने के लिए शुरू किया गया है, क्योंकि सरकार इन लोगों को जबरदस्ती योजना से बाहर नहीं करेगी ये लोग अपनी ही इच्छा से योजना को छोड़ेंगे।