
पंजाब में अब मॉडिफाई (बदलाव किए गए) वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कार्रवाई तब शुरू हुई, जब हाल ही में स्पेशल डी.जी.पी. अमरदीप सिंह राय ने राज्य के सभी एस.पी. और डी.एस.पी. ट्रैफिक के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी और ऐसे वाहन चालकों को सख्त चेतावनी दी थी।
मॉडिफाई वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
इस चेतावनी के तुरंत बाद, लुधियाना शहर में ट्रैफिक पुलिस की विभिन्न टीमों ने मॉडिफाई किए गए वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस विशेष रूप से ऐसे कमर्शियल (व्यावसायिक) और नॉन-कमर्शियल (गैर-व्यावसायिक) वाहनों के धड़ाधड़ चालान काट रही है, जिनमें बिना अनुमति के बदलाव किए गए हैं।
कार्रवाई यहीं नहीं रुकी है; नियम तोड़ने वाले कई वाहनों को ज़ब्त (Seize) भी कर लिया गया है। इस अभियान का मकसद सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना और यह संदेश देना है कि वाहन में कंपनी द्वारा दिए गए मानकों से छेड़छाड़ कानूनी रूप से मान्य नहीं है।
क्यों हो रही है मॉडिफाई वाहनों पर कार्रवाई?
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, किसी भी वाहन के मूल ढांचे (Original Structure), इंजन, या रंग-रूप में बिना परिवहन विभाग की मंजूरी के बदलाव करना अवैध है। इस कार्रवाई के मुख्य कारण ये हैं:
- सुरक्षा का खतरा: वाहनों में किए गए अनधिकृत बदलाव (जैसे बड़े टायर या अत्यधिक हॉर्न) अक्सर सड़क सुरक्षा के मानकों को कम कर देते हैं और दुर्घटना का खतरा बढ़ाते हैं।
- अत्यधिक शोर और प्रदूषण: आफ्टरमार्केट साइलेंसर और एग्जॉस्ट लगाने से ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) बढ़ता है, जो कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
- इंजन से छेड़छाड़: इंजन में बदलाव करने से वाहन द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण (Emission) के मानक बिगड़ जाते हैं।
इस अभियान का मकसद सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना और यह संदेश देना है कि वाहन में कंपनी द्वारा दिए गए मानकों से छेड़छाड़ कानूनी रूप से मान्य नहीं है।









