
यदि आप समोसा, पकौड़ा या मोमोज खाने के शौक़ीन है तो यह खबर आपके लिए जरुरी है. अब से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत, सभी दुकानदारों के लिए फूड लाइसेंस लेना जरूरी है। जो दूकानदार समोसा, मंगोड़े, चाट, पोहा, मोमोज, डोसा, चाय, और सब्जियाँ बेचते है, उन्हें लाइसेंस बनवाना होगा। यदि कोई बिना लाइसेंस के पकड़ा जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जायेगा और साथ ही 6 महीने की जेल भी हो सकती है।
सिवनी जिले में लगभग साढ़े सात हजार छोटे-बड़े दुकानदारों को लाइसेंस मिल चुके हैं, लेकिन अभी भी कई लोग बिना लाइसेंस के सामान बेच रहे है। यह लाइसेंस इसलिए बनवाए जा रहे है कि ग्राहकों को खाने की गुणवत्ता का पता लग सकें।
छोटे विक्रेताओं के लिए लगाएं जा रहे कैंप
अभी तक जिले में साढ़े सात हजार फूड लाइसेंस जारी किए हैं। ज्यादातर दुकानदारों ने खुद ही ऑनलाइन आवेदन करके लाइसेंस बनवाए हैं, जबकि छोटे विक्रेताओं के लिए कैंप लगाए गए थे। हालांकि, विभाग को यह पता नहीं है कि जिले में कुल कितने खाद्य विक्रेता हैं।
माना जा रहा है कि ये संख्या हजारों में है और इनमें से कई विक्रेता खराब क्वालिटी का खाना बेच रहे हैं और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। पिछले तीन 968 खाने के सैंपल लिए गए, जिनमें से 90 खराब मिलें और उनके बाद उन पर जुर्माना लगाया गया। जिले में ऐसे भी कई विक्रेता हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं है और उनके खाने की जाँच भी नहीं हुई है।
बिना रजिस्ट्रेशन के सामना बेचने पर होगी जेल
इस समय खाने की सुरक्षा को लेकर हर जगह जागरूकता बढ़ाई जा रही है. सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम इसलिए बनाया है ताकि ग्राहकों को शुद्ध और पौष्टिक खाना मिल सके। अब से हर खाने-पीने का सामान बेचने वाले को लाइसेंस लेना ज़रूरी जरुरी हो गया है। अगर कोई बिना रजिस्ट्रेशन के खाने का सामान बेचता है, तो उसे अपराधी माना जायेगा। नियमों का पालन न करने पर व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 31 के अनुसार 2 से 5 लाख रुपये का जुर्माना और 6 महीने तक की जेल हो सकती है।