
मध्य भारत में रेल यात्रा को और तेज़ और आसान बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। रेलवे ने बीना से धौलपुर तक 332 किलोमीटर लंबी चौथी रेलवे लाइन बनाने का पूरा प्लान (DPR) तैयार करके रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। इस नई लाइन से बढ़ते ट्रैफिक को मैनेज करना आसान होगा और पूरे रूट पर ट्रेनों का आना-जाना तेज़ी से हो पाएगा। इस बड़े प्रोजेक्ट पर करीब 7339 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, और बोर्ड की मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा, जिसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
तीसरी रेल लाइन से सुधरा ट्रेन संचालन
रेलवे ने हाल ही में तीसरी रेल लाइन का निर्माण पूरा किया है, जिससे ट्रेन संचालन में काफी सुधार हुआ है। अब ट्रेनों को स्टेशन के बाहर बेवजह रुकना नहीं पड़ता है, जिसके कारण ट्रेनें समय पर अपने गंतव्य तक पहुँच रही हैं। इस नई लाइन का सबसे अधिक लाभ मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों दोनों को मिला है। अब मालगाड़ियों को सीधे निकाला जा सकता है, जिससे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को स्टेशन तक आने में कोई रुकावट नहीं होती। चौथी लाइन बनने से यह सुविधा और भी बेहतर हो जाएगी।
ग्वालियर में नई रेल बाईपास लाइन की योजना
रेलवे सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर शहर को बाईपास करते हुए एक नई रेल लाइन बनाने की योजना है। यह लाइन बीना से झांसी, चिरुला और सिथौली तक आएगी। इस बाईपास को मालवा कॉलेज के पीछे से शुरू करके, रमऊआ डैम होते हुए दिगसौली, रायरू से धौलपुर के बीच की लाइन से जोड़ा जाएगा। साथ ही, रायरू से नूराबाद और बानमोर के पास भी इस नई बाईपास लाइन को मिलाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए कई जगहों पर जमीन अधिग्रहण भी किया जाएगा।
जल्द शुरू होगा काम
उत्तर मध्य रेलवे (सीपीआरओ) के शशिकांत त्रिपाठी ने बताया है कि बीना से धौलपुर के बीच नई रेल लाइन के लिए सर्वे पूरा हो गया है। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाकर रेलवे बोर्ड को मंजूरी के लिए भेजी गई है। एक बार काम स्वीकृत हो जाने पर, इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। इस नई लाइन के बनने से क्षेत्र में ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और यात्रियों को बहुत फायदा होगा।
चौथी रेल लाइन से ट्रेनों की रफ्तार और सुविधा बढ़ेगी
अब तीसरी रेल लाइन के बाद चौथी रेल लाइन बनने जा रही है। इससे रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या और उनकी रफ़्तार दोनों बढ़ जाएगी। इसका सीधा फायदा यात्रियों को मिलेगा। ग्वालियर और उसके आस-पास के लोगों को और ज़्यादा ट्रेनें मिल पाएंगी, साथ ही कुछ नए रूट्स पर भी ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकेगा।









