
गरीब परिवारों के लिए राहत भरी खबर है कि जिले में फिर से ग्रीन राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने इस बार तीन लाख नए ग्रीन कार्ड बनाए जाने की मंजूरी दी है। जो सबसे खास बात है, वह यह है कि इस बार कार्ड बनाने की प्रक्रिया “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर चलेगी। यानी जितने तेजी से जिला प्रशासन काम करेगा, उतने ज्यादा राशन कार्ड बनेंगे। अब जिले में 35,865 ग्रीन राशन कार्ड मौजूद हैं, जिनमें करीब 1,28,426 सदस्य जुड़े हुए हैं।
पेंडिंग आवेदनों को मिली मंजूरी
पहले वैकेंसी की कमी के कारण लोगों के ग्रीन राशन कार्ड बन पाने में बहुत देर हो रही थी। बहुत से लोग आवेदन करते थे, लेकिन कार्ड जारी नहीं हो पाता था। अब हालात बदले हैं क्योंकि जिले से लगभग 43 हजार ऐसे लाभुकों के नाम काटे गए हैं जो पात्र नहीं थे। इस कदम के बाद पेंडिंग पड़े आवेदनों को मंजूरी मिल गई है। वर्तमान में जिले में लगभग 3 हजार आवेदनों की पेंडिंग स्थिति बनी हुई है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत होने वाले कार्ड बनाने के लिए भी बड़े पैमाने पर आवेदन पेंडिंग थे। अब जब वैकेंसी खुल गई है, तो कई नाम शामिल किए गए हैं, हालांकि अब इसका कोटा भी भर चुका है। इसलिए, इस योजना के अंतर्गत फिलहाल नए कार्ड के लिए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं।
सख्त व्यवस्था, आसान मेडिकल कार्ड
राशन कार्ड के बिना आयुष्मान कार्ड बनाना संभव नहीं था। इसका मतलब था कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे जरूरतमंदों को राशन कार्ड बनवाने में कई समस्याएं आती थीं। पहले बीमारी साबित करने वाले डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद राज्य से स्वीकृति मिलना समय-साध्य होता था। अब इस प्रक्रिया में सुधार की बात हो रही है।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी को ऐसे मामलों में कार्ड बनाने का अधिकार दिए जाने की योजना है। जल्द ही सॉफ्टवेयर में बदलाव कर यह आरामदायक किया जाएगा, जिससे बीमार लोग जल्दी सुविधा पा सकेंगे।
अनाज वितरण पर नई गाइडलाइन
आपूर्ति विभाग की अनेक योजनाओं में हाल ही में परिवर्तन हुए हैं। अब केंद्र सरकार की स्मार्ट पीडीएस (Smart PDS) योजना के तहत अनाज का वितरण हो रहा है, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो रही है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि अनाज का “extension” यानी एक्स्ट्रा समय देने की व्यवस्था खत्म हो चुकी है। जिलों को पत्र भेजकर कहा गया है कि जिस महीने का अनाज है, उसी महीने का वितरण पूरा कर देना जरूरी है। यदि राज्य सरकार एक्सटेंशन चाहती है, तो उसकी पूरी भरपाई खुद करनी होगी। इसलिए अब लाभुकों को भी हर महीने अपने अनाज का उठाव समय पर करना होगा। इससे उनको भविष्य में परेशानी नहीं आएगी।
नए जन वितरण प्रणाली दुकानदार को निर्देश
अगर किसी जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानदार को निलंबित किया जाता है, तो उसकी मशीन तुरंत नए दुकानदार को सौंप दी जाएगी। नया दुकानदार उसी मशीन पर अपनी लॉगिन करके लाभुकों को राशन देगा।
इस व्यवस्था से न सिर्फ कमीशन के भुगतान में पारदर्शिता आएगी, बल्कि स्टॉक का हिसाब-किताब भी व्यवस्थित होगा। इससे विभाग की कार्यक्षमता और स्वच्छता में भी सुधार होगा। राशन कार्ड में सुधार की ये नई पहल गरीबों के लिए आशा की किरण लेकर आई हैं। अब इंतजार करने वालों को लंबा इंतजार खत्म होने की उम्मीद है और सरकार की यह योजनाएं जरूरतमंदों तक खाद्य सुरक्षा पहुंचाने में मददगार साबित होंगी।









