
बिहार में एनडीए की जीत के बाद हरियाणा सरकार ने दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना में बदलाव करने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री नायब सैनी चाहते हैं कि महिलाओं को ₹2100 मासिक भत्ता देने के बजाय, किसान सम्मान निधि की तर्ज पर यह राशि साल में दो बार एकमुश्त प्रदान की जाए। सरकार का मानना है कि किसान सम्मान निधि योजना देश भर में सफलतापूर्वक चल रही है और इसके क्रियान्वयन में कोई विवाद नहीं है, इसलिए यह मॉडल लाडो लक्ष्मी योजना के लिए भी बेहतर होगा।
महिलाओं को हर 6 माह में मिलेंगे ₹12,600
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों के बाद, लाडो लक्ष्मी योजना के लिए संचालित ऐप में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को सालाना ₹25,200 रुपये देने का प्रस्ताव है, जिसमें छह महीने में ₹12,600 रुपये की एकमुश्त राशि भी शामिल है। समाज कल्याण विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी चाहते हैं कि महिलाओं को मासिक भुगतान के साथ-साथ एकमुश्त राशि भी मिले। यह बदलाव बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की तर्ज पर किया जा रहा है, जिसमें पहली किस्त के रूप में ₹10,000 रुपये दिए गए थे।
महिलाओं को मिलेगी वित्तीय सहायता
हरियाणा में महिलाओं को ₹2100 मासिक सहायता देने की योजना पर विचार चल रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कई अधिकारी इस पक्ष में हैं कि महिलाओं को ₹1100 मासिक दिए जाएँ, जबकि बाकी ₹1000 की राशि हर छह महीने में एक साथ दी जाए। उनका मानना है कि छह महीने बाद जब ₹12,600 की बड़ी राशि एक साथ खातों में जाएगी, तो महिलाएँ इसका सकारात्मक उपयोग कर सकेंगी। अक्टूबर माह के लिए ₹2100 भेजे जा चुके हैं, और अप्रैल 2025 में उन्हें पिछले पाँच माह (₹10,500) की राशि भेजी जाएगी, जिसके बाद अगले छह माह के लिए ₹12,600 की राशि भेजने की योजना है।
अब 6 माह में एक बार दस्तावेज़ अपलोड करना होगा
लाडो लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को अब हर महीने दस्तावेज़ अपलोड करने के झंझट से मुक्ति मिल गई है। विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब महिलाओं को छह माह में एकमुश्त राशि दी जाएगी, जिसके कारण उन्हें हर छह माह में केवल एक बार ही ‘लाडो लक्ष्मी ऐप’ पर दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
इस बदलाव के लिए योजना के संचालन हेतु नई SOP बनाई जा रही है और ऐप के सॉफ्टवेयर में पूरी तरह बदलाव किया जा रहा है। सरकार इस योजना के लिए ₹5000 करोड़ का बजट रखती है, जिसकी पहली किस्त के रूप में ₹114 करोड़ की राशि पहले ही महिलाओं के खातों में डाली जा चुकी है।
महिलाओं के लिए ‘परिवार पहचान पत्र’ में बदलाव
सरकार ने उन 20 लाख महिलाओं का डर खत्म करने के लिए कदम उठाया है, जो यह सोचकर अलग खाते रखती थीं कि उन्हें मिलने वाली सरकारी राशि उनकी कुल आय में जुड़कर उन्हें गरीबी रेखा (BPL) से बाहर कर देगी। ये वे महिलाएं हैं जिनकी वार्षिक आय ₹1 लाख तक है और जिन्हें सरकार ₹2100 की मासिक राशि देती है। इस समस्या को हल करने के लिए, अब परिवार पहचान पत्र (PPP) में ऐसा प्रावधान किया जा रहा है कि एक ही स्थान पर एक से अधिक बैंक खाते जोड़े जा सकें, जिससे महिलाओं को योजनाओं का लाभ लेने में कोई डर न रहे।









