बिहार राज्य के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। अब आप बिना परेशानी के जमीन के मालिकाना हक को सुलझा सकते हैं। हाल ही में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में नए दिशा-निर्देश और नोटिफिकेशन जारी कर दिए गए हैं। नए कानून से महिलाओं का संपत्ति अधिकार अब और सुरक्षित हो गया है अब प्रॉपर्टी पर हक प्राप्त करने के लिए आसान और पारदर्शी प्रक्रिया बनाई गई है।

स्वामित्व स्थापित कटने के लिए जरुरी नए नियम
1. मालिकाना हक के लिए दखल और रसीद का महत्व
यदि व्यक्ति के पास जमीन पर दखल-कब्जा है और लगान रसीद भी है, तो आपको आपका मालिकाना हक जरूर मिलकर रहेगा। जब प्रॉपर्टी की जाँच की जाएगी तो उस समय पड़ोसियों का बयां भी लिया जाएगा।
अगर प्लॉट के मालिक के रूप में आपका नाम सही साबित हो जाता है तो उस जमीन का एक नया सरकारी अकाउंट आपके नाम पर खोला जाएगा।
2. नए नियम और खाता खोलने की प्रक्रिया
नए नियम के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी जमीन पर कब्जा करता है तो खाता खोलने के लिए अलग अलग तो तरीकों को अपनाया जाएगा। जो की निम्न प्रकार से हैं।
- अगर किसी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी है और उसने किसी प्लॉट पर कब्जा किया है, इसके साथ ही लगान रसीद भी नहीं काटी जा रही है। तो नए नियम के तहत जमीन का खाता बिहार सरकार के नाम पर खोला जाएगा। इसके साथ रिकॉर्ड में अवैध कब्जा करने वाले व्यक्ति का नाम भी दर्ज किया जाएगा।
- वहीं अगर कोई जमीन सरकारी रिकॉर्ड में बिहार सरकार के नाम पर है, लेकिन उस पर किसी व्यक्ति का मकान है और व्यक्ति का नाम पहले से रिकॉर्ड में दाखलकार के रूप में दर्ज है तो उसके कब्जे के सबूतों की जाँच सही से की जाएगी। फिर रैयती खाता उसके नाम पर खोला जाएगा।
3. वंशावली और आपसी बँटवारा
इन नियम के तहत आप जान पाएंगे कि जमीन के रिकॉर्ड के लिए आपको परिवार की जानकारी किस तरह से देनी होगी और बँटवारा कैसे किया जाएगा।
- जो भी जमीन का मालिक है उसे अपने परिवार की पूरी लिस्ट तैयार करके देनी है। इस लिस्ट में पूरी वंशावली का नाम आएगा, यानी की बहन और बेटियों को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।
- अगर परिवार के लोग एक बात से सहमत होकर दत्तस्वेजों में साइन करके बंटवारा करते हैं तो यह मान्य होगा। इस आपसी सहमति मिलने से प्रत्येक हिस्सेदार का खाता अलग अलग खोलकर जाएगा।
- अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न है और संपत्ति को लेकर हिस्सेदारों में विवाद और झगड़ा हो रहा है, तो सभी का एक साथ संयुक्त खाता खोलना जरुरी है। अगर बंटवारा पहले से ही रजिस्टर हो जाता है तो इसे भी मान्य माना जाएगा।
महिलाओं की संपत्ति का नया अधिकार
नए संपत्ति नियमों के तहत महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है। अब महिलाओं को उनका हक आसानी से मिल जाएगा।
- अगर महिला की शादी भी हो जाती है तो भी उसे अपनी पिता की सम्पति का पूरा हक मिलेगा जितना उसके भाई को मिलता है। लेकिन अगर महिला शपथ पत्र में लिखित रूप से त्याग कर त्याग कर देती है कि उसे पिता की संपत्ति से कोई भी हिस्सा नहीं चाहिए, तब तक उसका हिस्सा कोई भी नहीं छीन पाएगा।
- यह नियम बेटियों को उनके पिता की संपत्ति में हक दिलाने में कारगार साबित होगा।
महिला को संपत्ति में हिस्सा तब नहीं मिलेगा?
महिलाओं को अपने पिता की संपत्ति में हक, तीन स्थितियों के आधार पर नहीं दिया जाएगा।
- अगर महिला खुद ही शपथ पत्र देकर संपत्ति का त्याग कर देती है तो उसका हक समाप्त हो जाता है।
- कोर्ट अगर बंटवारा करता है और उसमें बेटी या बहन का नाम शामिल न किया गया हो।
- पिता की अपनी खुद की कमाई हुई प्रॉपर्टी है और वसीयत बनाते समय बेटी का नाम जानकर हटाया गया हो अथवा शामिल नहीं किया जाता है, तो उसे हक नहीं मिलेगा।