
बिहार के किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है, बता दें अगस्त के आखरी सप्ताह में लोकाइन और जिरयां नदियों के उफान से नालंदा जिले के करायपरसुराय, हिलसा, एंकगरस और अस्थावां प्रखंडों में 5302 हेक्टेयर से अधिक की फसल बर्बाद हो गई। इस नुक्सान के चलते खेती करने वाले किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने ऐसे सभी किसानों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है, जिससे उन्हें इस संकट की घडी में राहत मिल सकेगी।
किसानों को मिलेगा मुआवजा
बता दें, राज्य के प्रभावित किसानों के लिए सरकार ने प्रति हैक्टेयर 17 हजार रूपये की दर से मुआवजा देने का ऐलान किया है, जिसके लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें रैयत किसानों को साल 2022 तक की अघतन भूमि रसीद आवेदन में अपलोड करनी होगी। जिससे यह सबैत हो सकेगा की किसान की भूमि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई है।
किन्हें मिलेगा मुआवजा
राज्य के रैयत किसानों के साथ-साथ गैर-रैयत किसान भी मुआवजा पाने के पात्र होंगे, उन्हें स्वघोषित प्रमाण पत्र जमा करना होगा। जिसे वार्ड सदस्य या कृषि समन्वयक से प्रमाणित करना जरुरी है।
किसानों के खातों में जारी की जाएगी राशि
सभी पात्र किसानों को सरकार की तरफ से मुआवजे की राशि उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी, हालांकि कई बार खाता आधार लिंक नहीं होने के चलते लाभार्थी का भुगतान अटक सकता है। राज्य में हरनौत और बिंद प्रखंड के 203 किसानों को अभी तक तकनीकी कारणों से पैसे नहीं मिल सके है, जिसे लेकर विभाग में त्रुटियां ठीक होते ही राशि लाभार्थी के खातों में भेजने का भरोसा दिया है।