
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने भारत (BH) सीरीज़ नंबर प्लेट इसलिए शुरू की थी ताकि उन वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिल सके जिनकी नौकरी के कारण बार-बार एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है। इस सीरीज़ से पहले, लोगों को हर नए राज्य में अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना पड़ता था, लेकिन BH सीरीज़ मिलने पर उन्हें यह झंझट नहीं रहती थी। पहले यह नंबर प्लेट केवल दो साल का रोड टैक्स जमा करने पर आसानी से उपलब्ध हो जाती थी।
वाहन मालिकों के लिए नया नियम
परिवहन विभाग ने पाया कि कुछ सुविधाओं के कारण सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा था, इसलिए नियमों में सख्ती कर दी गई है। अब नई व्यवस्था के तहत, एक खास नंबर सीरीज (माना जा रहा है कि यह ‘BH’ सीरीज है) का नंबर लेने वाले वाहन मालिकों को एक बार में पूरे 14 साल का रोड टैक्स जमा करने का आदेश जारी किया गया है। यह नया नियम सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए लागू किया गया है।
BH सीरीज़ के वाहनों पर तुरंत टैक्स भरने का आदेश
मुजफ्फरपुर जिले के जिन वाहन मालिकों ने पहले केवल दो साल का BH सीरीज़ टैक्स चुकाया था, उन्हें अब बचे हुए 12 साल का टैक्स तुरंत जमा करने का निर्देश दिया गया है। जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि सभी वाहन मालिकों को नोटिस भेजकर यह टैक्स जमा कराया जा रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि वाहन मालिक तय तारीख तक टैक्स जमा नहीं करते हैं, तो बकाया राशि पर ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। जिले में जारी लगभग 1200 BH नंबरों में से ज़्यादातर मालिकों ने यह शेष टैक्स जमा कर दिया है।
‘BH’ सीरीज़ नंबर प्लेट के नियम
DTO (जिला परिवहन अधिकारी) ने स्पष्ट किया है कि ‘BH’ (भारत) सीरीज़ का नंबर केवल सरकारी कर्मचारियों और उन बड़ी निजी या अर्द्धसरकारी कंपनियों के कर्मचारियों को मिलेगा जिनके दफ्तर कम से कम चार अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं। यह नंबर प्राप्त करने के लिए आवेदक को अपनी कंपनी से यह लिखवाकर प्रमाणित कराना होगा कि उनकी नौकरी ऐसी है जिसमें एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है।
परिवहन विभाग ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी नियमों और गाइडलाइन्स का ठीक से पालन करने के बाद ही ‘BH’ सीरीज़ के लिए आवेदन की जाँच की जाए और यह नंबर जारी किया जाए।









