
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भारत सरकार की एक विशेष बचत योजना है, जो बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य बेटियों की उच्च शिक्षा, शादी, और अन्य जीवन में आने वाली आवश्यकताओं के वित्तीय प्रबंध को आसान बनाना है।
योजना की विशेषताएं और उद्देश्य
सुकन्या समृद्धि योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत आती है। इस योजना के तहत 10 वर्ष से कम उम्र की किसी भी बालिका के नाम पर खाता खोला जा सकता है। यह खाता मुख्य रूप से बेटी के भविष्य के लिए वित्तीय संचित निधि तैयार करने में सहायता करता है। योजना में जमा राशि पर आकर्षक वार्षिक ब्याज दर मिलती है, जो समय-समय पर सरकार द्वारा संशोधित की जाती है।
जमा और मेच्योरिटी अवधि
सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूनतम जमा राशि ₹250 प्रति वर्ष है, जबकि अधिकतम जमा ₹1.5 लाख प्रति वर्ष तक की जा सकती है। माता-पिता या अभिभावक बेटी के नाम से यह खाता किसी भी अधिकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोल सकते हैं। योजना में जमा राशि कम से कम 14 वर्षों तक नियमित रूप से जमा करनी होती है। खाता 21 वर्षों में परिपक्व हो जाता है, यानी खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष बाद जमा राशि ब्याज के साथ मिलकर बेटी को मिलती है।
ब्याज दर और लाभ
इस योजना में मिलने वाली ब्याज दर लगभग 8% वार्षिक है, जो तिमाही आधार पर कंपाउंड की जाती है। समय-समय पर सरकार नई ब्याज दरें घोषित करती रहती है। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है। जमा की गई राशि और मaturity पर प्राप्त राशि दोनों ही आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट के अंतर्गत आती हैं, जिससे निवेशक को दोहरी टैक्स बचत का लाभ मिलता है।
निकासी और खाता बंद करने के नियम
21 वर्ष की परिपक्वता से पहले, जब लड़की की आयु 18 वर्ष हो जाती है, तो खाते से शर्तों के तहत निकासी की अनुमति होती है। निकासी बेटी की उच्च शिक्षा या शादी के लिए ही की जा सकती है, और इस स्थिति में कुल जमा राशि का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है। यदि बेटी की शादी 21 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, तो खाता अपने आप बंद हो जाता है और जमा राशि पर ब्याज सहित राशि दी जाती है।
योजना के और लाभ
- इस योजना के तहत केवल दो बेटियों के नाम पर ही खाते खोले जा सकते हैं। यदि परिवार में एक जुड़वां बच्ची होती है, तो दो से अधिक खातों को अनुमति मिलती है।
- खाता बैंक या पोस्ट ऑफिस शाखाओं में खुलवाया जा सकता है।
- खाता खुलवाने के लिए बालिका की अधिकतम उम्र 10 वर्ष होनी चाहिए।
- योजना के तहत खाते में जमा राशि नियमित रूप से जमा करनी जरूरी है; यदि न्यूनतम राशि जमा नहीं होती है, तो खाते पर पेनाल्टी लगती है और खाता निष्क्रिय भी हो सकता है।
₹4,000 मासिक जमा पर तगड़ा रिटर्न
यदि इस योजना में हर महीने ₹4,000 जमा किए जाएं, तो 21 वर्षों बाद कुल जमा राशि और ब्याज मिलाकर लगभग ₹22 लाख रुपये तक की राशि मिल सकती है। यह राशि बेटी के लिए उच्च शिक्षा, विवाह या अन्य महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए पर्याप्त आर्थिक सहारा बन सकती है।