
क्या आप जानते है कि इज़राइल के कानूनी नियमों के अनुसार हर 18 साल के नागरिक को एक बार सेना में अपनी सेवा देनी होती है, फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की. कानून के मुताबिक, यह एक राष्ट्रीय कर्तव्य है. इसलिए सभी इज़राइली लड़कियाँ सैनिक बनती हैं, फिर उसके बाद वह मॉडलिंग या फिल्मों में करियर बना सकती है. सेना में काम करने का नियम सभी यहूदी नागरिकों पर लागू होता है और इसमें कोई छूट नहीं मिलती है.
इज़राइल की महिला सेना में क्यों जाती है ?
इज़राइल के कानूनी नियमों के अनुसार हर यहूदी नागरिक को 18 साल पूरे होने के बाद कुछ समय के लिए सेना में सेवा देनी होती है, फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला. यह इनका राष्ट्रीय कर्तव्य होता है. यदि आपको सेना में जाना पसंद नहीं है फिर भी आपको जाना पड़ता है.
इज़राइल की महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेना में दो साल की ट्रेनिंग और ड्यूटी करती हैं. कहा जाता है कि देश की रक्षा के लिए हर नागरिक का योगदान देना बेहद जरूरी है. सेना में ट्रेनिंग लेने के बाद ये महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से काफी मज़बूत हो जाती है और जिसके बाद वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहती है.
महिला पुरुषों के बराबर करती है काम
जो महिला सेना में भर्ती हो जाती है उन्हे पुरुषों के बराबर काम करना होता है. महिला टैंक चलाने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक का काम करती है. अभी भी कई ऐसे देश है जहां महिलाओ को सेना में भेजने के लिए सोचना पड़ता है, वहीं इज़राइल ने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं. महिला अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान देने से नहीं डरती है.
कम उम्र में दी जाती है ट्रेनिंग
इज़राइल की महिलाओं को कम उम्र में सेना में भर्ती की ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, ताकि वह हर स्थिति में लड़ाई लड़ सकें. इज़राइली सेना में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है. वे अपने देश की रक्षा के लिए परिवार से दूर रहती हैं.
