Election Commission of India: भारत में कब बना चुनाव आयोग? जानें इसके अधिकार, शक्तियां और काम

हाल ही में राहुल गाँधी ने जो राजनीतिक विवाद किया है जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें एक नोटिस जारी किया है। आइए इस लेख में जानते हैं की भारत में चुनाव आयोग कब बना और इसके अधिकार, काम और शक्तियां क्या है।

By Pinki Negi

Election Commission of India: भारत में कब बना चुनाव आयोग? जानें इसके अधिकार, शक्तियां और काम

Election Commission of India: जैसा की आप सब जानते हैं हमारा देश भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ पर जनता द्वारा लोकतंत्र का निर्माण किया जाता है। जनता अपने निर्णय के आधार पर एक विश्वसनीय उम्मीदवार का चुनाव करती है जो देश का विकास कर सक, और देश में इन चुनावों को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत निष्पक्षता की जिम्मेदारी के साथ सम्पन्न कराना चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। चुनाव आयोग को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) कहते हैं।

चुनाव आयोग क्या है, इसका घटन कब हुआ और यह कैसे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराती है इसकी चर्चा हाल ही में हुए एक राजनितिक विवाद के बाद हुआ है जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को नोटिस जारी करके एक बार फिर से ECI ने बताया है की वह कितना स्वतंत्र, शक्तिशाली और निष्पक्ष है।

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भारत निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव

भारत में चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है इसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के तहत की गई थी। इस संस्था को कई नियम, शक्तियां और अधिकार प्राप्त है जिसके तहत यह पूरे देश के लिए एक ही नियम कानून पर काम करती है। चुनाव आयोग मुख्य रूप से संसद, राज्य विधासभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराती है। लेकिन यदि राज्यों में स्थानीय चुनाव जैसे नगरपालिका और पंचायत के चुनाव किए जाते हैं इसके लिए अलग से राज्य चुनाव आयोग का निर्माण किया गया है। इन चुनावों की सही तरीके से पूर्ण कराने का काम इनके ऊपर होता है।

चुनाव आयोग कैसे बना?

वर्ष 1950 में चुनाव आयोग की शुरुवात हुई थी उस समय यह केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बना था। लेकिन यह व्यवस्था जल्द ही समाप्त हो गई थी। इसकी शुरुवात तब जुई थी जब 1989 में चुनाव की उम्र 18 की गई थी जबकि यह पहले 21 वर्ष थी। इसके बाद बाद काम का बोझ अधिक हो गया जिसके चलते चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी।

इसके बाद बदलाव जारी रहे और 1993 से आयोग को तीन सदस्यीय बनाया गया, इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। यह व्यवस्था तब से लेकर अब तक जारी है। ये जो तीनों आयुक्त हैं इनके पास समान शक्तियां प्राप्त है साथ ही इनके वेतन भी समान है। इनका चयन 65 वर्ग की आयु में किया जाता है और इनका कार्यकाल 6 वर्ष निर्धारित है।

चुनाव आयोग की मुख्य शक्तियां क्या है?

चुनाव आयोग देश का एक अहम हिस्सा है इसे कई महत्वपूर्ण अधिकार मिले हुए हैं जिसके तहत ये ईमानदार और स्पष्ट चुनाव कराते हैं। आइए जिनके बारे में जानते हैं।

  • चुनाव आयोग का सबसे बड़ा काम वोटर लिस्ट तैयार करना और फिर चुनाव की तारीखों की घोषणा करना है।
  • राजनितिक दलों को मान्यता देता है यानी की उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित करता है।
  • यदि राजनीतिक दलों के बीच चुनाव चिह्न को लेकर विवाद होता है तो उसका निपटारा अदालत जैसे करना है।
  • चुनाव आयोग ही आचार सहिंता लागू करता है। इसके तहत चुनाव जब शुरू होते हैं तो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए नियम जारी किए जाते हैं।
  • यदि बूथ कैप्चरिंग अथवा हेराफेरी का काम होता है तो चुनाव आयोग को अधिकार है की तुरंत चुनाव कैंसिल किए जाए।

पहले मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे?

सुकुमार सेन भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए थे। इस पद पर ये 21 मार्च 150 को नियुक्त किए गए थे और 19 दिसंबर 1958 तक इन्होने इसमें काम किया। इन्होने भारत के 1951-52 एवं 1957 के पहले आम चुनाव अपने नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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