
हमारे हिंटू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा भगवान ब्रह्मा के 7वें पुत्र हैं, जिन्होंने ब्रह्मांड को बनाने में ब्रह्मा जी की मदद की थी. । भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. यह खास तैयार कारीगरों, शिल्पकारों, इंजीनियरों और मजदूरों द्वारा मनाया जाता है. इस दिन ये लोग अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं, जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है तब यह पूरा की जाती है.
विश्वकर्मा पूजा कब है?
हिंदू पंचांग के मुताबिक विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025 को है. इस दिन सूर्य 17 सितंबर की देर रात 1 बजकर 55 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेगा.
पूजा का सही समय
इस बार विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ समय इस प्रकार हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:33 से सुबह 5:20 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 12:18 से दोपहर 3:07 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:24 से शाम 6:47 तक
विश्वकर्मा पूजा के दिन दोपहर 12:15 बजे से 01:47 बजे तक राहुकाल रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय पूजा करना या पूजा पाठ करना शुभ नहीं होता है. इसलिए इस समय किसी भी तरह की पूजा न करें.
