
अक्सर आपने सुना होगा की महिलाओं से उनकी उम्र और पुरुषों से उनकी सैलरी नहीं पूछनी चाहिए। और यह देखा भी जाता है की महिलाएं अपनी वास्तविक उम्र बताने और पुरुष अपनी आय बताने में कतराते हैं, लेकिन क्या अपने कभी सोचा है की इसके पीछे का क्या कारण है? तो बता दें, महान अर्थसाश्त्री और राजनेता चाणक्या के अनुसार यह केवल आधुनिक समाज की सोचा नहीं है बल्कि पुरानी परम्पराओं, सामाजिक व्यवहार और मोवैज्ञानिक रणनीतियों से भी जुड़े हुए हैं।
चाणक्य निति में हजारों साल पहले इस व्यवहार के पीछे छिपे हुए रहस्य क उजागर किया गया है की आखिर क्यों महिला उम्र और पुरुष सैलरी छिपाते हैं? तो चलिए जानते हैं इस रहस्य के पीछे छिपे कारण की पूरी जानकारी।
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महिलाएं क्यों छुपाती है अपनी आयु?
चाणक्य नीति के अनुसार समाज हमेशा से महिलाओं पर एक का ज्वा दिखने या परफेक्ट बने रहने वाला प्रेशर डालता है, ऐसे में उम्र बताना कई बार के लिए Judgment Zone खोल देता है। इसलिए वह अपनी उम्र को लेकर सेलेक्टिव हो जाती है। ऐसे में महिला का अपनी आयु न बताना केवल एक दिखावा नहीं बल्कि एक तरह की आत्म सुरक्षा, सामजिक मूल् और अवसरों को सुरक्षित रखने की सोच भी छुपी हुई है।
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पुरुष क्यों छुपाते है अपनी सैलरी?
पैसा हमेशा पवार, स्टेटस और कॉम्पिटीशन से जुड़ा माना जाता है, ऐसे में पुरुष अक्सर अपनी कमाई बताने से बचे हैं क्योंकि इससे तुलना, उम्मीदें, ईर्ष्या या अनावश्यक सवाल पैदा हो सकते हैं। कई बार आय बताने की वजह से लोग उन्हें अलग नजरिये से देखने लगते हैं और यदि आय कम है तो उन्हें सहानुभूति या लोगों के जजमेंट झेलना पड़ता है। इसलिए पुरुष अक्सर इसे बेहद ही सीमित दायरे में ही साझा करते हैं।
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क्यों बन गई है ये आदतें?
आज के दौर में भी यह आदत अक्सर लोगों में देखी जाती है, क्योंकि यह पूरी तरहसामाजिक प्रतिष्ठा, सुरक्षा और आर्थिक रणनीति से जुडी हुई हैं। इसमें महिलाओं के लिए आयु छिपाना उनके आत्म-संरक्षण और समाज की अपस्खानों से जुड़ा हुआ विषय है, तो वहीं पुरुषों के लिए यह आर्थिक स्थिति आज भी पहचान और जिम्मेदारी से जुडी हुई है। इसलिए उम्र और सैलरी अक्सर व्यक्तिगत सीमाओं के भीतर ही रखी जाती है।









