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Train Electricity Cost: एक दिन में ट्रेन का बिजली बिल कितना आता है? जानकर दंग रह जाएंगे

ट्रेन को देश की लाइफलाइन कहा जाता है, जहाँ AC, पंखे और लाइट्स जैसी कई सुविधाएँ होती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि रोज़ाना 13,000 से ज़्यादा ट्रेनों का बिजली बिल कितना आता होगा? जानिए, हाईटेंशन वायर और डीजल जनरेटर से चलने वाली ट्रेनों का एक दिन का खर्च कितना है।

By Pinki Negi

Train Electricity Cost: एक दिन में ट्रेन का बिजली बिल कितना आता है? जानकर दंग रह जाएंगे
Train Electricity Cost

भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है, जहाँ रोज़ाना 13,000 से ज़्यादा यात्री ट्रेनें चलती हैं। आपने भी इन ट्रेनों में सफर किया होगा, जिनमें यात्रियों के लिए एयर कंडीशनर, पंखे, लाइट और चार्जिंग जैसी सुविधाएँ होती हैं। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि एक दिन में इन ट्रेनों का बिजली का बिल कितना आता होगा? यह बिल जानकर आप हैरान रह जाएँगे।

ट्रेन में बिजली का इस्तेमाल कहाँ होता है?

ट्रेन में बिजली का इस्तेमाल मुख्य रूप से तीन तरह से होता है। पहला, ट्रैक्शन (यानी ट्रेन को खींचने में लगने वाली बिजली)। दूसरा, नॉन-ट्रैक्शन पावर जिसमें यात्रियों के लिए एयर कंडीशनर, पंखे, लाइटें, चार्जिंग पॉइंट और पैंट्री आदि की सुविधाएँ शामिल हैं। तीसरा, स्टैंडिंग लोड—यह वह बिजली है जो ट्रेन के खड़े होने पर भी कुछ ज़रूरी सिस्टम को चालू रखती है।

7 रुपये प्रति यूनिट चुकाता है रेलवे बिजली बिल

ट्रेन और रेलवे स्टेशनों पर होने वाली बिजली की खपत और उसका बिल जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आपको बता दें कि ट्रेन और रेलवे स्टेशनों के लिए भारतीय रेलवे जो बिजली खरीदता है, उसके लिए उन्हें प्रति यूनिट 7 रुपये का बिल चुकाना पड़ता है।

एसी कोच में बिजली का खर्च

एसी कोच में प्रति घंटे औसतन 210 यूनिट बिजली खर्च होती है। इस हिसाब से, सिर्फ 12 घंटे में एक एसी बोगी में लगभग 17,640 रुपये की बिजली खर्च हो जाती है। यह दर्शाता है कि एसी वाली बोगियों में बिजली का बिल काफी ज़्यादा होता है।

स्लीपर और जनरल कोच का बिजली खर्च

स्लीपर और जनरल कोच में औसतन प्रति घंटे करीब 120 यूनिट बिजली का उपयोग होता है। इस खपत के अनुसार, अगर ये कोच लगातार 12 घंटे चलते हैं, तो इनका बिजली का खर्च लगभग 10,080 रुपये आता है।

दो तरीकों से बिजली सप्लाई की जाती है ट्रेन के डिब्बों में

भारतीय रेलवे ट्रेनों के डिब्बों (कोच) में दो मुख्य तरीकों से बिजली की सप्लाई करता है। पहला तरीका डायरेक्ट हाईटेंशन वायर का उपयोग करना है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक ट्रेन के इंजन और उसके कोच के लिए होता है। वहीं, दूसरा तरीका पावर जनरेटर का है, जो कोच में डीज़ल का उपयोग करके बिजली पैदा करता है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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