
उत्तरप्रदेश के सरकारी ITI में अब ड्राइवरों को भी कुशल बनाया जाएगा। इसके लिए इन संस्थानों में आधुनिक ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों में थ्री-डी ड्राइविंग सिम्युलेटर का उपयोग कर छात्रों को हल्के और भारी दोनों तरह के वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वह आसानी से गाड़ी चलाना सिख सकते है। सिम्युलेटर पर ट्रेनिंग के बाद उन्हें फील्ड में भी अभ्यास कराया जाएगा, ताकि वह अच्छे चालक बन सकें।
कुशल ड्राइवरों की बढ़ रही मांग
देश में पर्यटकों को संख्या बढ़ने और ओला, उबर, रैपिडो जैसे ट्रैवलिंग ऐप के कारण कुशल ड्राइवरों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे युवाओं को स्वरोजगार का अच्छा मौका मिल रहा है। इसे देखते हुए, व्यावसायिक शिक्षा विभाग ने आईटीआई में विद्यार्थियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव तैयार किया है।
इस पहल के तहत छात्रों को 200 घंटे तक थ्री-डी ड्राइविंग सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें वे वर्कशॉप में प्रशिक्षक की देखरेख में कंप्यूटर पर गेम की तरह ही गियर बदलना और ब्रेक लगाना सीखेंगे, जिससे उन्हें सुरक्षित और आसान तरीके से वाहन चलाने की सभी बारीकियां समझाई जा सकेंगी।
कोर्स पूरा होने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
बताया जा रहा है कि यह नया ड्राइविंग कोर्स के लिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू हो सकता है। शुरुआत में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 10 ज़िलों की आईटीआई (ITI) में शुरू किया जाएगा, और बाद में इसे सभी आईटीआई में बढ़ाया जाएगा। कोर्स पूरा करने पर छात्रों को ड्राइविंग का सर्टिफिकेट मिलेगा, साथ ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाया जाएगा। यह कदम कुशल वाहन चालकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है।
आईटीआई छात्रों को दी जाएगी गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग
व्यावसायिक शिक्षा राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने बताया कि अब ITI छात्रों को गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में सिम्युलेटर और फील्ड दोनों जगह पर ट्रेनिंग करवाई जाएगी ताकि वह ड्राइविंग की सभी बारीकियां सीख सकें। यह पहल इसलिए की जा रही है क्योंकि बाजार में कुशल ड्राइवरों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस ट्रेनिंग से युवा सीधे रोजगार पा सकेंगे और खुद का काम शुरू करके कमाई कर सकेंगे।