
मध्यप्रदेश सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है जिससे छोटे और सीमांत किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिल सके। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों के लिए राज्य पोषित नलकूप खनन योजना शुरू की है। इस योजना का लक्ष्य उन किसानों तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाना है जिनके पास खेती की जमीन तो है, लेकिन पानी का साधन सीमित है।
नलकूप और पंप की स्थापना पर मिलेगा पूरा सहयोग
योजना के तहत पात्र किसानों को 40 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। यह राशि दो चरणों में दी जाएगी —
- पहला चरण: नलकूप खनन के लिए 25 हजार रुपये की सहायता।
- दूसरा चरण: खनन सफल होने के बाद पंप स्थापना पर 15 हजार रुपये का अतिरिक्त अनुदान।
इस तरह किसानों को कुल 40 हजार रुपये तक की राहत मिलेगी। इस राशि से वे अपने खेतों में स्थायी सिंचाई सुविधा तैयार कर सकेंगे, जिससे उत्पादन क्षमता में बड़ा सुधार होगा।
क्या है योजना का मुख्य उद्देश्य
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर किसान अपने खेत में जल स्रोत के माध्यम से आत्मनिर्भर सिंचाई कर सके। अब तक कई छोटे किसान ऐसे थे जिन्हें सीमित जल स्रोतों या महंगी बिजली की वजह से फसल उत्पादन में दिक्कतें आती थीं। नलकूप खनन योजना उनके लिए एक भरोसेमंद समाधान साबित होगी।
कौन होंगे योजना के पात्र किसान
इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो SC या ST वर्ग से संबंधित हैं और जिनके पास स्वयं की निजी कृषि भूमि है। साथ ही, जिस भूमि पर नलकूप खनन कराया जाएगा, उसके 300 मीटर के दायरे में कोई अन्य नलकूप नहीं होना चाहिए। योजना के नियमों की जांच कृषि विभाग द्वारा की जाएगी ताकि केवल वास्तविक पात्र किसानों को ही लाभ मिले।
आवेदन प्रक्रिया
पात्र किसान अपने विकासखंड स्तरीय कृषि कार्यालय में सीधे आवेदन कर सकते हैं। आवेदन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे। इसलिए किसानों से अपील की गई है कि वे जल्दी आवेदन करें ताकि उन्हें अनुदान मिलने में देरी न हो। आवेदन के दौरान किसानों को अपनी भूमि की रजिस्ट्री और भू-सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। योजना की अन्य शर्तों का पालन शासन के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।
किन क्षेत्रों में नहीं मिलेगा योजना का लाभ
कृषि विभाग ने बताया है कि विदिशा जिले के ग्यारसपुर और कुरवाई विकासखंडों को “डार्क ज़ोन (अति दोहित क्षेत्र)” घोषित किया गया है। भूजल स्तर बहुत नीचे जाने के कारण इन क्षेत्रों में नलकूप खनन पर रोक लगी हुई है, इसलिए यहां के किसान इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। बाकी विकासखंडों में लक्ष्य तय किए गए हैं:
| विकासखंड | SC लक्ष्य | ST लक्ष्य |
|---|---|---|
| विदिशा | 3 | 2 |
| बासौदा | 2 | 2 |
| नटेरन | 3 | 2 |
| सिरोंज | 1 | 3 |
| लटेरी | 2 | 3 |
किसानों के लिए बड़ा फायदा
राज्य सरकार की इस पहल से किसानों को कई फायदे होंगे —
- अब उन्हें सिंचाई के लिए महंगे पंप सेट या बिजली कनेक्शन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
- सालभर खेतों में पानी की सुविधा मिलने से फसल उत्पादन बढ़ेगा।
- पानी की उपलब्धता बढ़ने से किसान अब दो से तीन फसलें भी आसानी से ले सकेंगे।
- अनुदान सीधे खाते में मिलने से पारदर्शिता और समय की बचत होगी।
आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में कदम
कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि वे तय समय सीमा में आवेदन करें ताकि योजना का अधिकतम लाभ लिया जा सके। सरकार का लक्ष्य है कि गांवों में हर किसान अपने खेत का “स्वयं का जल स्रोत” विकसित कर आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था की ओर अग्रसर हो।









