
यदि आप पारंपरिक खेती में बढ़ते खर्च और घटते मुनाफे से थक चुके हैं, तो अब समय है शीशम की खेती (Sheesham Tree Farming) अपनाने का। किसान इसे ‘चलता-फिरता ATM’ या ‘फिक्स्ड डिपॉजिट’ भी कहते हैं, क्योंकि यह कम मेहनत में करोड़ों का मुनाफा दिला सकती है। शीशम की लकड़ी अपनी मज़बूती और टिकाऊपन के लिए प्रसिद्ध है और इसकी खेती किसानों को लंबी अवधि में बहुत अच्छा रिटर्न देती है।
शीशम, जिसे “लकड़ियों का सोना” कहते है
शीशम, जिसे वैज्ञानिक रूप से ‘Dalbergia Sissoo’ भी कहा जाता है, भारत की सबसे मूल्यवान लकड़ियों में से एक है। इसका रंग गहरा भूरा और लालिमा लिए होता है। शीशम अपनी मज़बूती, टिकाऊपन और दीमक-रोधी गुणों के कारण “लकड़ियों का सोना” कहलाता है। इस लकड़ी का उपयोग मुख्य रूप से उच्च गुणवत्ता वाले फर्नीचर, दरवाजे-खिड़कियां, संगीत वाद्ययंत्र (म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स) और हस्तकला (हैंडीक्राफ्ट) के सामान बनाने में किया जाता है।
शीशम की लकड़ी की मांग और कीमत
- यह लकड़ी सालों-साल टिकने वाली होती है, जिससे यह एक लंबे समय का निवेश है।
- इसमें दीमक का खतरा नहीं होता है, यही वजह है कि यह महंगे और टिकाऊ फर्नीचर के लिए पहली पसंद है।
- इसका लुक शाही और प्रीमियम होता है, जो इसे बाज़ार में सबसे महंगी लकड़ियों की सूची में लाता है।
- बाज़ार में एक तैयार शीशम का पेड़ (लगभग 10-12 साल बाद) अपनी गुणवत्ता के आधार पर ₹40,000 से ₹1,00,000 तक में बिक सकता है।
शीशम की खेती का सरल तरीका (A-Z)
शीशम की खेती किसी भी तरह की मिट्टी और मौसम में आसानी से की जा सकती है, और इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे ज़्यादा पानी या खाद की ज़रूरत नहीं होती। पौधे लगाने का सबसे सही समय मॉनसून (जुलाई-अगस्त) होता है। पौधों के बीच आपको 10×10 फीट की दूरी रखनी चाहिए, जिससे एक एकड़ में लगभग 400 से 500 पौधे लगाए जा सकते हैं। शुरुआती 2 से 3 साल तक थोड़ी देखभाल ज़रूरी होती है, जिसके बाद यह पेड़ खुद ही तेज़ी से बढ़ने लगता है।
शीशम की खेती में लगने वाली अनुमानित लागत
शीशम की खेती में प्रति एकड़ की कुल लागत लगभग ₹40,000 से ₹50,000 तक आ सकती है। इसमें मुख्य खर्च पौधों की कीमत पर होता है, जो कि ₹30 से ₹50 प्रति पौधा है। यदि आप एक एकड़ में 400 से 500 पौधे लगाते हैं, तो पौधों की कुल कीमत लगभग ₹20,000 तक हो सकती है। इसके अतिरिक्त खेत की तैयारी, खाद, शुरुआती सिंचाई और मज़दूरी का खर्च भी इसी कुल अनुमानित लागत में शामिल है।
10 साल बाद शीशम की खेती से मुनाफे का कैलकुलेशन
- शीशम का पेड़ आमतौर पर 10 से 12 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाता है।
- यदि एक पेड़ की न्यूनतम औसत कीमत ₹40,000 मानी जाए।
- कुल कमाई का अनुमान (10-12 साल):
- एक एकड़ में 400 पेड़ $\times$ ₹40,000 प्रति पेड़ $=$ ₹1,60,00,000 (₹1.60 करोड़)
- शुरुआती कुल लागत (लगभग ₹50,000) घटाने के बाद, शुद्ध मुनाफा ₹1.59 करोड़ रुपए तक हो सकता है।
- यदि पेड़ को 15-20 साल तक बढ़ने दिया जाए, तो लकड़ी की मोटाई और गुणवत्ता बढ़ने के कारण, एक पेड़ ₹1 लाख तक में बिक सकता है, जिससे मुनाफा और अधिक बढ़ जाएगा।
शीशम के साथ इंटर-क्रॉपिंग से अतिरिक्त कमाई
शीशम के पेड़ लगाने के बाद, आप शुरुआती 3 से 4 साल तक उनके बीच की खाली ज़मीन का उपयोग इंटर-क्रॉपिंग (अंतःफसलन) के लिए कर सकते हैं। इस दौरान, आप गेहूं, चना, अदरक, हल्दी, मिर्च या विभिन्न सब्ज़ियों जैसी फसलें उगाकर शीशम की फसल तैयार होने से पहले ही हर साल अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।









