
सार्वजनिक स्थानों पर वाहन चलते समय एक बात जिसका हमे ध्यान रखना होता है वह है “ट्रैफिक नियम”। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर चालान या भारी जुर्माने का प्रावधान बनाया गया है, ऐसे में अक्सर बहुत से लोगों को ट्रफिक के कुछ नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण वह इसका उल्लंघन कर देते हैं। इनमें से एक नियम वाहन में प्रेशर हॉर्न को लेकर भी है, जिसे लेकर हाल ही में ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत प्रेशर हॉर्न या म्यूजिकल हॉर्न बजाना न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि इसके लिए भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।कई राज्यों में यह चालना 5000 रूपये से बढ़कर 10000 रुपये तक पहुँच गया है। वहीँ दिल्ली में यह राशि 12 हजार रूपये तक हो सकती है।
क्या है जुर्माने का कारण
बता दें, ट्रैफिक पुलिस की सख्ती का कारण प्रेशर हॉर्न और मल्टी टोन म्यूजिकल हॉर्न ऐसे उपकरण है, जो 100 dB की वैध सीमा से कहीं अधिक तेज आवाज उत्पन्न करते हैं। इसे लेकर मोटर वाहन नियम 1989 की धारा 119 में साफ कहा गया है की कोई भी वाहन ऐसा हॉर्न प्रयोग नहीं कर सकता जिससे ध्वनि प्रदूषण हो, क्योंकि इन होर्नों के कारण स्कूल, अस्पताल और आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
क्या होती है कानूनी कार्रवाई
कानून की माने तो अवैध हॉर्न लगाना, लगवाना या इस्तेमाल करना तीनों ही अपराध है, ऐसे में यदि किसी वाहन पर प्रेशर हॉर्न पाया जाता है तो पुलिस मौके पर ही जुर्माना लगा सकती है और हॉर्न जब्त किया जा सकता है। सरकार का लक्ष्य है की सड़कें सुरक्षित और शांत रहे, जिससे आम जनता को कोई परेशानी न हो।
वाहन में प्रेशर हॉर्न होने पर क्या करें?
अगर आपके वाहन में प्रेशर हॉर्न हैं, तो जितना जल्दी हो सके तो इसे हटवा देना समझदारी है। क्योंकि ऐसा न करने पर यदि आप पकडे जाते हैं तो आपपर जुर्माने के अलावा वाहन जब्ती, लाइसेंस पर पेनेल्टी जैसी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में यह जरुरी है की आप ट्रैफिक नियमों का पालन करें और एक जिम्मेदार नागरिक बने।








