भारत सरकार ने बिजली की बचत करने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत अभी तक पूरे देश में 20 लाख से ज़्यादा घरों पर सोलर सिस्टम लग चुके है और अब बहुत जल्द 30 लाख और सोलर सिस्टम लगने वाले है. इस बात की जानकारी खुद ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने दी. लेकिन मंत्री ने यह नहीं बताया कि इस योजना के तहत एक करोड़ घरों के लक्ष्य का आधा हिस्सा कब तक पूरा हो पाएगा.

सरकार ने दी ‘यूटिलिटी-लेड मॉडल’ की मंजूरी
सरकार का कहना है कि जिन लोगों के पास अपना घर नहीं हैं, उनके लिए एक खास ‘यूटिलिटी-लेड मॉडल’ को मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने इस मॉडल को तेजी से लागू करने की योजना बनाई है.
पहले आओ, पहले पाओ के आधार मिलेगा लाभ
सरकार का कहना है कि यह योजना मांग पर आधारित है और इसका लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा. उन्होंने सभी राज्यों से इन दोनों योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, “पीएम सूर्य घर योजना में हमने देखा है कि लगभग आधे लाभार्थियों का बिजली बिल शून्य आ रहा है. यह एक ऐसा मॉडल है जो लोगों को राहत देने के साथ-साथ लंबे समय तक टिकाऊ भी है.
सरकार का 2030 तक लक्ष्य
सरकार ने 2030 तक 550 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है, जिसमें से लगभग 251.5 गीगावाट का लक्ष्य पूरा हो चुका है. आने वाले 5 साल में 248 गीगावाट का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी राज्य एजेंसियों की एक बैठक बुलाई गई है. अभी भारत में 100 गीगावाट के सोलर मॉड्यूल बनाने की क्षमता है और इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे 12,600 से ज़्यादा लोगों को नौकरी मिली है. सरकार 2028 तक पूरी तरह से स्वदेशी सोलर सेल बनाने का लक्ष्य बना रही है, जिसमें ‘वेफर्स’ और ‘इनगॉट्स’ भी भारत में ही बनेंगे, ताकि सोलर से जुड़ी सभी चीज़ें देश में ही बनाई जा सकें.