
रॉयल एनफील्ड बुलेट अपनी पावर और दमदार स्टाइल के कारण दुनिया भर में बहुत मशहूर है। आज यह बाइकर्स की पसंदीदा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई? अपने मज़बूत डिज़ाइन और विश्वसनीयता की वजह से पहली बुलेट मोटरसाइकिल विशेष रूप से सैन्य (Army) उपयोग के लिए बनाई गई थी। आइए इस शानदार मोटरसाइकिल के दिलचस्प इतिहास के बारे में और जानें।
रॉयल एनफील्ड बुलेट
पहली रॉयल एनफील्ड बुलेट 1932 में ब्रिटिश सेना की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन की गई थी। सेना को एक मज़बूत और भरोसेमंद दोपहिया वाहन चाहिए था जो मुश्किल रास्तों पर भी लंबी दूरी की गश्त कर सके। अपने सिंगल सिलेंडर इंजन और टिकाऊ बनावट के कारण बुलेट इन आवश्यकताओं के लिए एकदम सही साबित हुई, जिसने जल्द ही उसकी पहचान एक उच्च प्रदर्शन वाले वाहन के रूप में स्थापित कर दी।
भारतीय सेना के लिए बनी Royal Enfield India
साल 1955 में, भारतीय सेना ने 350 सीसी इंजन वाली 800 बुलेट मोटरसाइकिलों का एक बड़ा ऑर्डर दिया था। इस बड़े ऑर्डर को समय पर पूरा करने के लिए, रॉयल एनफील्ड ने भारत में एक असेंबली यूनिट (Assembly Unit) स्थापित की। इस कदम से न केवल सेना की ज़रूरतें पूरी हुईं, बल्कि इसने भारत में घरेलू मोटरसाइकिल उत्पादन की शुरुआत की और आज के जाने-माने ब्रांड Royal Enfield India की नींव भी रखी।
पुरानी बुलेट 350 की कीमत
हालांकि रॉयल एनफील्ड बुलेट की पहली कीमत का सटीक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार, 1986 में भारतीय सेना के लिए बुलेट 350 की ऑन-रोड कीमत लगभग ₹18,700 थी। मुद्रास्फीति (इंफ्लेशन) को ध्यान में रखते हुए, आज के समय में यह कीमत लगभग ढाई लाख रुपये (₹2,50,000) के आस-पास होगी।
रॉयल एनफील्ड बुलेट, सेना की पहली पसंद
रॉयल एनफील्ड बुलेट को मुख्य रूप से सेना की गश्त के लिए इस्तेमाल किया जाता था, क्योंकि इसका टॉर्क (उच्च खींचने की शक्ति) ज़्यादा था और यह ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर आसानी से चल सकती थी। इसके मजबूत फ्रेम के कारण इसे बार-बार रखरखाव की ज़रूरत नहीं पड़ती थी, जिससे यह सेना के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई।
समय के साथ इसकी कीमतों में काफी वृद्धि हुई है; जहाँ 1986 में सेना मॉडल की कीमत लगभग ₹18,700 थी, वहीं आज भारत में बुलेट 350 की कीमत ₹2 लाख से अधिक है। रॉयल एनफील्ड ने भारतीय सेना के अलावा अन्य देशों की सेनाओं को भी अपनी मोटरसाइकिलें प्रदान की हैं।









