अफ्रीका के विशाल साहेल क्षेत्र में एक ऐसी जनजाति बसती है, जहां खूबसूरती का पैमाना मर्दों के लिए तय होता है और औरतें अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने के लिए पूरी तरह आजाद हैं, भले ही वे पहले से शादीशुदा क्यों न हों। यह कहानी है वोडाबे (Wodaabe) जनजाति की, जो अपनी घुमंतू जीवनशैली और पशुपालन से ज्यादा, अपने अनोखे प्रेम उत्सव के लिए जानी जाती है, जिसे ‘गेरेवोल’ (Gerewol) फेस्टिवल कहते हैं।

यह एक ऐसा त्योहार है, जहां समाज के सारे नियम पलट जाते हैं और दुनिया की सबसे अजीबोगरीब परंपराएं देखने को मिलती हैं।
मर्दों का ‘ब्यूटी कॉन्टेस्ट’
आमतौर पर दुनिया भर में महिलाएं सजती-संवरती हैं, लेकिन वोडाबे समाज में इसका उल्टा होता है। गेरेवोल फेस्टिवल के दौरान, पुरुष अपनी सुंदरता का प्रदर्शन करते हैं। वे घंटों लगाकर तैयार होते हैं, वे चेहरे पर लाल मिट्टी लगाते हैं, होठों और आंखों को कोयले से काला करते हैं ताकि उनके दांत और आंखें ज्यादा सफेद और चमकदार दिखें। रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान पहनते हैं और सिर पर पंखों से बना मुकुट सजाते हैं। यहाँ लंबा कद, पतली नाक, सफेद आंखें और चमकदार दांत यहां मर्दाना सुंदरता की निशानी माने जाते हैं।
यह सारी तैयारी महिलाओं को लुभाने के लिए की जाती है। पुरुष एक कतार में खड़े होकर ‘याके’ (Yaake) नाम का एक पारंपरिक नृत्य करते हैं, जिसमें वे अपनी आंखें घुमाते हैं और दांत दिखाते हैं। यह एक तरह का पुरुषों का सौंदर्य प्रतियोगिता होता है, जिसकी निर्णायक महिलाएं होती हैं।
‘पति चुराने’ की अनोखी परंपरा
इस त्योहार की सबसे हैरान करने वाली परंपरा है ‘पति चुराने’ की। वोडाबे समाज में महिलाओं को पूरी आजादी है कि वे अपनी पसंद का पुरुष चुनें, भले ही वह खुद शादीशुदा हों या जिस पुरुष को वे चुन रही हैं, वह भी शादीशुदा हो।
- कैसे होता है चुनाव: नृत्य के दौरान, महिलाएं दूर से ही पुरुषों को देखती हैं। अगर किसी महिला को कोई पुरुष पसंद आ जाता है, तो वह उसके साथ भाग जाती है। इस समुदाय में इसे ‘चोरी’ नहीं, बल्कि प्रेम की स्वीकृति माना जाता है।
- एक से ज्यादा पति: कुछ महिलाएं अपने पहले पति को छोड़कर नए साथी के साथ चली जाती हैं, जबकि कुछ एक ही समय में दोनों पतियों के साथ रहना पसंद करती हैं। यहां बहुपति (Polyandry) और बहुपत्नी (Polygyny) दोनों प्रथाओं को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त है।
संतान और परिवार का महत्व
वोडाबे समाज में संतान को शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि किसी पुरुष की संतान नहीं हो रही है, तो वह अपनी पत्नी को किसी दूसरे हैंडसम पुरुष के साथ संबंध बनाने की अनुमति देता है, ताकि उन्हें सुंदर और स्वस्थ संतान प्राप्त हो सके।
यह जनजाति आज भी अपनी सदियों पुरानी परंपराओं और आधुनिकता से दूर एक रहस्यमयी जीवन जी रही है, जो बाहरी दुनिया के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है।