उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए लाभकारी फैसला लिया है। अब बिना आधार कार्ड के भी स्कुल ड्रेस के पैसे मिल पाएंगे, जबकि पहले इस समस्या का सामना करना पड़ता था। जिन छात्रों का अभी तक आधार कार्ड नहीं बन सकता है अथवा उसमें कोई गलती आ रही है तो अब उनके स्कूल ड्रेस के पैसे अपने माता-पिता के आधार कार्ड के तहत प्राप्त होंगे। यह पैसा बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा।

शासन ने उठाया महत्वपूर्ण कदम
स्कूल में यूनिफॉर्म राशि उन छात्रों को तभी मिलती थी जब आधार वेरिफिकेशन किया जाता था। लेकिन ग्रामीण इलाकों के कई हजारों बच्चे ऐसे हैं जिनके आधार कार्ड में गलतियां हैं अथवा उनके आधार कार्ड अभी तक नहीं बन पाएं हैं। इस कारण 20 हजार से अधिक बच्चों का पैसा उन्हें नहीं मिल पाया है।
यह नया नियम बच्चों और अभिभावकों के लिए लाभकारी होने वाला है। परिषदीय छात्रों को 1200 रूपए मिलते हैं जिससे वे अपनी ड्रेस, जूते, मोज़े और स्कूल बैग खरीद सके।
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डीबीटी भुगतान की प्रगति रिपोर्ट
जिले में 2267 परिषदीय श्कूल हैं जिसमें 2.25 लाख बच्चे पढ़ते हैं। शिक्षा विभाग ने अभी तक लगभग 1.80 लाख विद्यार्थियों के अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं। अब जितने भी बच्चों को पैसा नहीं मिला है उनके अकाउंट में जल्द ही राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अब 4500 बच्चों के अभिभावकों के आधार में गलती पाई गई है लेकिन इसका समाधान ढूंढा जा रहा है।
जल्द भेजा जाएगा पैसा अकाउंट में
शासन ने कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं कि सभी छात्रों को उन्हें स्कूल ड्रेस की राशि समय पर मिलनी चाहिए। बेसिक शिक्षा अधिकारी उपासन अरांई वर्मा का कहना है कि जिन बच्चो के पास आधार कार्ड नहीं है उनके अभिभावक के आधार कार्ड से पैसे भेजे जाएंगे।
बाकि जितने बच्चे हैं उनका पैसा भी जल्द भेजा जाएगा। उम्मीद है कि सभी बच्चों को इस हफ्ते तक राशि प्राप्त ही जाए।









