
भारत अपनी मेहमाननवाजी और ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन देश के ही 6 ऐसे स्थान हैं जहाँ भारतीय नागरिकों का जाना वर्जित है। यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा के कड़े नियमों या विदेशी समझौतों और व्यापारिक नीतियों के कारण इन जगहों पर भारतीयों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। ये पाबंदियां सवाल तो खड़ी करती हैं, लेकिन इनके पीछे कई महत्वपूर्ण कानूनी और सुरक्षा कारण छिपे हुए हैं।
भारत की 6 जगहें जहाँ भारतीयों के जाने पर ही है पाबंदी
यूं तो भारतीय संविधान हमें देश के किसी भी कोने में घूमने और रहने की आज़ादी देता है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि हमारे ही देश में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहाँ भारतीयों का जाना मना है। इनमें से कुछ स्थानों पर सुरक्षा कारणों से सख्त पहरा है, तो कुछ निजी कंपनियों के अजीब नियमों की वजह से चर्चा में रहते हैं।
आइए जानते हैं भारत के उन 6 प्रमुख स्थानों के बारे में, जहाँ आम भारतीयों के प्रवेश पर या तो पूरी तरह रोक है या फिर वहां जाने के लिए बहुत कड़ी शर्तों का पालन करना पड़ता है।
चेन्नई का विवादित होटल
चेन्नई का ‘रेड लॉलीपॉप इन’ (Red Lollipop Inn) होटल इन दिनों अपनी अजीबोगरीब नीति की वजह से चर्चा में है, क्योंकि यहाँ भारतीयों को कमरा नहीं दिया जाता। यह होटल सिर्फ विदेशी पर्यटकों के लिए आरक्षित है और यहाँ रुकने के लिए पासपोर्ट दिखाना जरूरी है। होटल प्रबंधन का तर्क है कि उन्होंने यह जगह विशेष रूप से उन विदेशियों के लिए बनाई है जो पहली बार भारत की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन भारतीयों के प्रवेश पर लगी इस रोक ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
गोवा के कुछ बीचों पर भारतीयों की एंट्री को लेकर विवाद
गोवा अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है, लेकिन अरम्बोल जैसे कुछ इलाकों में ‘सिर्फ विदेशियों के लिए’ समुद्र तट (बीच) होने की बात सामने आई है। इन जगहों पर भारतीय पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाने के आरोप लगते रहे हैं। बताया जाता है कि ऐसी व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि विदेशी सैलानियों को पूरी निजता मिल सके और वे बिना किसी असहजता या लोगों की घूरती निगाहों के बिकिनी और स्विमसूट पहनकर अपना समय बिता सकें।
फ्री कसोल कैफे
हिमाचल प्रदेश का ‘फ्री कसोल कैफे’ अपने विवादित नियमों के कारण चर्चा में बना रहता है, क्योंकि यहाँ कथित तौर पर भारतीय पर्यटकों को प्रवेश नहीं दिया जाता है। सोशल मीडिया पर ऐसी कई घटनाएँ सामने आई हैं जहाँ भारतीय मूल के लोगों को मेनू कार्ड देने से भी मना कर दिया गया। खबरों के मुताबिक, यह कैफे मुख्य रूप से केवल इजरायली पर्यटकों का स्वागत करता है, जिसके कारण स्थानीय और भारतीय सैलानियों के बीच इसे लेकर काफी नाराजगी देखी जाती है।
ब्रॉड लैंड्स होटल, चेन्नई
चेन्नई का यह ब्रिटिश शैली का होटल मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों को प्राथमिकता देने के लिए चर्चा में रहता है। हालांकि, कागजों पर भारतीयों के आने-जाने पर कोई सरकारी रोक नहीं है, फिर भी यहाँ का माहौल और नियम कुछ इस तरह के हैं कि यहाँ ज़्यादातर विदेशी ग्राहक ही रुकते हैं। अक्सर भारतीय नागरिकों के लिए सख्त पहचान पत्र और कठिन प्रवेश नियमों को लेकर इस होटल की आलोचना भी की जाती है, क्योंकि यहाँ आम भारतीय मेहमानों को ठहरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अहमदाबाद का वह रेस्टोरेंट जहाँ भारतीयों के आने पर है रोक
अहमदाबाद में स्थित ‘सकुरा रयोकान’ नाम का एक जापानी रेस्टोरेंट अपने एक विवादित नियम के कारण चर्चा में है, जहाँ प्रवेश द्वार पर ही “भारतीयों का प्रवेश वर्जित” का बोर्ड लगा दिया गया है। रेस्टोरेंट के मालिक का तर्क है कि उनके स्टाफ को हिंदी या अंग्रेजी नहीं आती, जिससे भारतीय ग्राहकों को सर्विस देने में परेशानी होती है। यह रेस्टोरेंट पूरी तरह से जापानी मेहमानों के लिए समर्पित है और केवल उन्हें ही पारंपरिक जापानी सेवाएं प्रदान करने को प्राथमिकता देता है।
कुडनकुलम का रूसी उपनिवेश
तमिलनाडु के कुडनकुलम में एक ऐसी जगह है जिसे ‘रूसी उपनिवेश’ कहा जाता है और यहाँ भारतीयों का प्रवेश वर्जित है। 1800 के दशक में रूसियों द्वारा बनाए गए इस क्षेत्र को सुरक्षा और रणनीतिक कारणों से एक संरक्षित इलाका घोषित किया गया है। हालांकि यह स्थान अब एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी भारतीय नागरिक रूसी दूतावास से विशेष अनुमति लिए बिना यहाँ कदम नहीं रख सकता।









