आमतौर पर सोलर पैनल धूप की रौशनी को ग्रहण करके ऊर्जा जनरेट करने का काम करते हैं और आपके घर भी ऐसा ही सोलर पैनल लगा होगा। लेकिन आपको पता है कि कम धूप या आसमान में बादल भी छाए हो, तब भी सोलर पैनल बिजली का निर्माण कर सकता है। यह काम लूम सोलर का मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल ही कर सकता है। यह आधुनिक तकनीक से बनाया गया है जो पारम्परिक पैनलों से काफी आगे है। इन पैनल की लाइफ भी अधिक है और कम रौशनी में ये दमदार परफॉमेंस दे रहें हैं।

मोनोक्रिस्टलाइन vs पॉलीक्रिस्टलाइन में क्या अंतर है?
- मोनोक्रिस्टलाइन पैनल सिलिकॉन के सबसे शुद्ध रूप से बनते हैं जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल अशुद्ध और बेकार यौगिक से बनाए जाते हैं।
- मोनोक्रिस्टलाइन पैनल प्रति वर्ग फुट ऊर्जा जनरेट करते हैं जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल कम शुद्धता की वजह से कम ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं।
- मोनोक्रिस्टलाइन पैनल कम धूप में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल ख़राब मौसम में कम उत्पादन करते हैं।
- मोनोक्रिस्टलाइन पैनल में 25 की वारंटी मिलती है जबकि पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल सटे होते हैं और जल्दी ख़राब हो जाते हैं।
मोनोक्रिस्टलाइन पैनल के कार्य और विशेषताएं
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर सेल को बहुत ही ख़ास तरीके से बनाया गया है, यह सिलिकॉन के सबसे शुद्ध बार से निर्मित होते हैं। और फिर ये वेफर्स के रूप में कटते हैं। सूरज की रोशनी को ऊर्जा में बनाने के काम सिलिकॉन करता है क्योंकि यह सक्षम सेमी कंडक्टर पदार्थ होता है।
यह भी देखें- Waaree Flexible solar panel: इस सोलर कंपनी ने लॉन्च किए लाइट-वेट और फ्लेक्सिबल सोलर पैनल, कहीं भी लगा सकते हैं
बिजली बनाने का तरीका क्या है?
पैनल के अंदर शुद्ध सिलिकॉन सेल्स से सूर्य की रोशनी टकराती है तो सेल्स ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, इससे इलेक्ट्रॉन अलग अलग हो जाते हैं। सेल्स का डिजाइन कुछ इस तरह का है जिसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन्स को सर्किट में एक सही दिशा मिलती है और बिजली का निर्माण होता है।
अन्य लाभ क्या हैं?
- पोलीक्रिस्टलाइन सेल्स की तुलना में इनकी पावर 15 से 20 प्रतिशत से अधिक है।
- अगर आपकी छत में जगह कम है तो कोई दिक्क्त नहीं है, इन्हे कम जगह की आवश्यकता ही होती है।
- सामान्य सोलर पैनल से अधिक मोनोक्रिस्टलाइन पैनल 10 घंटे बिजली जनरेट का काम करते हैं।
- इन पैनल की जो लागत है वह करीबन 25 से 30 प्रति वॉट है।