
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री के समय में हर खिलाड़ी का यो-यो टेस्ट अनिवार्य था, ताकि खिलाड़ियों की फिटनेस बेहतर हो सके. लेकिन अब खबर आ रही है कि नए कोच गौतम गंभीर एक और नया टेस्ट शुरू करने की तैयारी में है. नए फिटनेस और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स के सुझाव पर टीम इंडिया को अब ब्रोंको टेस्ट देना होगा.
ले रूक्स चाहते हैं कि तेज गेंदबाज जिम में कम और दौड़ने पर ज्यादा ध्यान दें और इस बार पर गंभीर भी सहमत है. वैसे, भारतीय टीम पहले से ही फिटनेस के लिए यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल करती है.
क्या होता है ‘Bronco Test’?
यह टेस्ट एक तरह का फिटनेस टेस्ट है जिसमें खिलाड़ी को 20, 40 और 60 मीटर की दौड़ लगानी होती है. ये तीनों दूरियाँ मिलाकर एक पूरा सेट बनाती हैं, जिसे खिलाड़ी को कई बार दोहराना होता है.
अब पास करना होगा ‘ब्रोंको टेस्ट’
भारतीय खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस का सबूत देखने के लिए ‘ब्रोंको टेस्ट’ पास करना होगा. इस टेस्ट में उन्हें बिना रुके 6 मिनट में 1200 मीटर की दौड़ के पाँच सेट पूरे करने होंगे. खिलाड़ियों के चयन के लिए इस टेस्ट को ही पैमाना माना जाएगा. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, BCCI के सालाना कॉन्ट्रैक्ट में शामिल कई खिलाड़ियों ने बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इस टेस्ट की तैयारी की है.
खिलाड़ियों को पास करने होंगे दो तरह के टेस्ट
भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को दो टेस्ट पास करने होंगे. सबसे पहले यो-यो टेस्ट होगा, इसमें खिलाड़ियों को 20 मीटर की दौड़ लगानी होगी. इसमें न्यूनतम स्कोर 17.1 रखा गया है. दूसरा टेस्ट 2-किमी टाइम ट्रायल होगा, इसमें तेज गेंदबाजों को 2 किलोमीटर की दूरी 8 मिनट और 15 सेकंड में पूरी करनी होती है, जबकि बल्लेबाजों और विकेटकीपरों को 8 मिनट और 30 सेकंड का समय मिलता है.
लू रूक्स पहले भी 2002 से 2003 में इंडिया टीम के साथ काम कर चुके है. इस बार उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और आईपीएल टीमों जैसे कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के लिए भी काम किया है.
